#बरवाडीह #धार्मिक_उत्सव : बारह रबीउल अव्वल के मौके पर निकाले गए जुलूस-ए-मोहम्मदी ने पूरे इलाके में पैगंबर मुहम्मद की याद में श्रद्धा, इक़रार और भाईचारे का पैगाम फैलाया
- सरईडीह, पोखरी कलां और बेतला में शुक्रवार को 12 रबीउल अव्वल के मौके पर जुलूस-ए-मोहम्मदी शान और हर्षोल्लास के साथ निकाला गया।
- जुलूस का नेतृत्व गौसिया नवजवान कमिटी के सदर अय्यूब अंसारी और सचिव मंजुनरूल हक अंसारी ने किया।
- पूरे मार्ग में नारे तकबीर अल्लाहु अकबर, रसूलुल्लाह आका की आमद मरहबा, और अन्य धार्मिक नारे गुंजायमान रहे।
- स्थानीय मस्जिदों के इमाम ने जुलूस के दौरान विशेष दुआ कराई और पैगंबर मुहम्मद ﷺ की शिक्षाओं का पैगाम दिया।
- स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह भी कार्यक्रम में शरीक हुए और जुलूस की बरकत में शरीक होकर श्रद्धा अर्पित की।
- प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही, पुलिस बल मुस्तैद रहा और जुलूस पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
बरवाडीह: सरईडीह, पोखरी कलां और बेतला में निकाले गए जुलूस-ए-मोहम्मदी ने लोगों में धार्मिक श्रद्धा, मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम फैलाया। जुलूस में शामिल लोग पैगंबर मुहम्मद की याद में नारे लगा रहे थे और पूरे क्षेत्र में उत्साह और इक़रार का माहौल कायम रहा।
जुलूस का मार्ग और धार्मिक आयोजन
जुलूस की शुरुआत स्थानीय मस्जिदों से हुई और मार्ग में पूरे क्षेत्र में गुजरते हुए भक्तिभाव और श्रद्धा का माहौल और गहरा हुआ। लोगों ने हाथ में झंडियां और धार्मिक प्रतीक लेकर पैगंबर की याद में अपने इक़रार का इज़हार किया।
इमामों की दुआ और पैगाम
जुलूस के दौरान स्थानीय मस्जिदों के इमामों ने विशेष दुआ कराई। उन्होंने कहा:
इमाम आलमगीर हमदम पलमावी ने कहा: “हमें पैगंबर मुहम्मद की राह पर चलकर अपने दिलों में मोहब्बत, इक़रार और भाईचारे को कायम रखना चाहिए। यह जुलूस उसी रास्ते की तस्दीक है।”
स्थानीय सहभागिता और उत्साह
जुलूस में युवा, बुजुर्ग और बच्चे बड़ी तादाद में शामिल हुए। लोग नारे लगाकर, हाथ में झंडियां और प्रतीक लेकर पैगंबर की याद में अपनी श्रद्धा और इक़रार का इज़हार कर रहे थे। खज़ांची मुमताज अंसारी, मोहम्मद लाडले अंसारी, जाकिर हुसैन, गुलाम असलम, हुसैन अफरोज अंसारी, जुनैद अंसारी, शमशाद और दिलशाद लुकमान अंसारी समेत बड़ी संख्या में लोग शरीक हुए।
सुरक्षा व्यवस्था
स्थानीय प्रशासन ने पूरे जुलूस मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा। पुलिस बल लगातार मुस्तैद रहा और कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका गया।

न्यूज़ देखो: सरईडीह और पोखरी कलां में निकाला गया जुलूस-ए-मोहम्मदी ने मोहब्बत और इक़रार का पैगाम फैलाया
यह जुलूस दर्शाता है कि धार्मिक आयोजनों में सामूहिक सहभागिता, इक़रार और प्रशासनिक सतर्कता कितनी अहम होती है। स्थानीय कमिटी, विधायक और समुदाय की भागीदारी ने पूरे इलाके में मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम फैलाया।
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इस जुलूस ने याद दिलाया कि समाज में मोहब्बत, इक़रार और भाईचारे को कायम रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। अपनी राय साझा करें, खबर को दोस्तों तक पहुंचाएं और अपने समुदाय में सकारात्मक पैगाम फैलाएं।