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उपायुक्त के आदेश पर विशुनपुरा में अंचल दिवस का आयोजन, भूमि विवादों पर सुनवाई

#गढ़वा #अंचलदिवस : भूमि विवाद और सीमांकन से जुड़े चार आवेदन लिए गए, दूसरे पक्ष की अनुपस्थिति में निपटारा अगली तारीख तक टला

गढ़वा जिले के विशुनपुरा प्रखंड सह अंचल कार्यालय सभागार में सोमवार को उपायुक्त के आदेश पर अंचल दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान भूमि विवाद, सीमांकन, दखल-कब्जा, उत्तराधिकार और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण जैसे मामलों की सुनवाई की गई। कार्यक्रम में ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित हुए और अपनी समस्याएं अधिकारियों के समक्ष रखीं। हालांकि, कुल चार आवेदन प्राप्त होने के बावजूद दूसरे पक्ष की अनुपस्थिति के कारण किसी भी मामले का निपटारा तत्काल नहीं हो सका

भूमि विवाद और सीमांकन से जुड़े आवेदन

अंचल दिवस में आए आवेदनों में अधिकतर मामले भूमि सीमांकन, लगान अद्यतन और उत्तराधिकार से जुड़े थे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि सभी मामलों का निष्पादन निष्पक्ष और शीघ्र किया जाएगा।

अधिकारियों ने कहा: “संबंधित पक्षों की उपस्थिति अनिवार्य है। अगली अंचल दिवस या थाना दिवस में सभी पक्षों की उपस्थिति सुनिश्चित कर मामलों का निपटारा किया जाएगा।”

जनता की समस्याओं का स्थानीय समाधान

कार्यक्रम के दौरान बिशुनपुरा थाना प्रभारी राहुल सिंह ने कहा कि अंचल दिवस का मुख्य उद्देश्य आम जनता को उनके अधिकार और सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराना है।

राहुल सिंह ने कहा: “अंचल दिवस का मकसद यही है कि लोगों को जिला मुख्यालय तक बार-बार न जाना पड़े और उनकी समस्याओं का समाधान यहीं हो सके।”

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

अंचल दिवस में उपस्थित ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना की। उनका कहना था कि इस तरह के आयोजन से भूमि विवाद जैसे जटिल मामलों का समाधान तेज गति से संभव होगा और आम लोगों को राहत मिलेगी।

मौजूद अधिकारी और कर्मी

इस अवसर पर अंचल निरीक्षक जयप्रकाश गुप्ता, राजस्व उप निरीक्षक जितेन्द्र कुमार, अंचल सहायक अमल सिंह, सत्यम सिंह सहित कई अंचल कर्मी मौजूद रहे। ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना गया और अगली तारीख में दोनों पक्षों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

न्यूज़ देखो: स्थानीय स्तर पर न्याय की पहल

विशुनपुरा में आयोजित अंचल दिवस यह साबित करता है कि प्रशासनिक व्यवस्था अब गांव-गांव तक पहुंच रही है। ग्रामीणों की समस्याओं को जिला मुख्यालय ले जाने के बजाय प्रखंड स्तर पर सुनना निश्चित रूप से एक सराहनीय कदम है। हालांकि, संबंधित पक्षों की अनुपस्थिति समाधान में बाधा बनी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

समाधान की राह स्थानीय भागीदारी से

भूमि विवाद जैसे मुद्दे तभी जल्दी सुलझ सकते हैं, जब सभी पक्ष समय पर उपस्थिति दें और प्रशासन की इस पहल को सहयोग करें। आप भी अंचल दिवस जैसी योजनाओं का लाभ उठाएं, अपनी राय कमेंट में लिखें और इस खबर को साझा कर जागरूकता फैलाएं।

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