#दुमका #ShravaniMela : सावन की दूसरी सोमवारी पर आस्था की लहर—उपायुक्त ने संभाली व्यवस्था की कमान
- बासुकीनाथ धाम में उमड़ा लाखों श्रद्धालुओं का जनसैलाब।
- “हर-हर महादेव” के जयकारों से गूंजा सम्पूर्ण मेला क्षेत्र।
- डीसी अभिजीत सिन्हा स्वयं ग्राउंड पर निगरानी में जुटे।
- स्वास्थ्य शिविर, सुरक्षा और पेयजल की बनी चाक-चौबंद व्यवस्था।
- अर्घा पद्धति से जलार्पण—अनुशासन और श्रद्धा का संगम।
श्रावणी सोमवारी पर बासुकीनाथ धाम में आस्था का अद्भुत दृश्य
सावन की दूसरी सोमवारी को बाबा बासुकीनाथ धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। रात्रि से ही शिवगंगा में स्नान कर श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा बासुकीनाथ पर अर्घा पद्धति से जलार्पण करते नजर आए। देशभर से आए श्रद्धालुओं के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
उपायुक्त ने खुद संभाली व्यवस्था की कमान
दुमका उपायुक्त श्री अभिजीत सिन्हा ने पूरे मेला क्षेत्र की व्यवस्था का निरीक्षण स्वयं किया और हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी। प्रशासन द्वारा हर विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है। स्वच्छता से लेकर जलापूर्ति, लाइन मैनेजमेंट से लेकर मेडिकल व्यवस्था तक, हर पहलू पर गंभीरता से ध्यान दिया गया।
उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने कहा: “हमारा लक्ष्य है कि बाबा के भक्तों को एक सुरक्षित, व्यवस्थित और स्मरणीय अनुभव प्रदान किया जाए। इसके लिए हम लगातार फील्ड पर रहकर निगरानी कर रहे हैं।”
स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर कानून व्यवस्था तक मुस्तैद प्रशासन
श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं जहां 24×7 चिकित्सा टीमें तैनात हैं। दंडाधिकारी, पुलिस बल और महिला सुरक्षाकर्मियों की प्रभावी तैनाती से पूरे मेला क्षेत्र में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है। जगह-जगह घोषणाएं, गाइडिंग वालंटियर्स और मेडिकल रिस्पांस टीम श्रद्धालुओं की सहायता कर रही हैं।
भक्ति और अनुशासन की मिसाल बनी सोमवारी
इस वर्ष की दूसरी सोमवारी में भक्ति और अनुशासन का अनुपम संगम देखने को मिला। श्रद्धालु शांति से अपनी बारी का इंतजार करते हुए बाबा पर जल अर्पित कर रहे हैं। जिला प्रशासन के समर्पण और मेहनत से यह सोमवारी न केवल धार्मिक बल्कि प्रशासनिक रूप से भी प्रेरणादायक बन गई है।
श्रद्धालु रेखा देवी (पटना) ने कहा: “इतनी बड़ी भीड़ में भी इतनी अच्छी व्यवस्था देखकर मन प्रसन्न हो गया। बाबा की कृपा और प्रशासन की मेहनत दोनों का असर दिख रहा है।”

न्यूज़ देखो: धर्म और प्रशासन के समन्वय की बेमिसाल तस्वीर
बासुकीनाथ की सोमवारी केवल श्रद्धा का पर्व नहीं बल्कि संगठित प्रयास, अनुशासित आस्था और जनहित में प्रशासनिक सक्रियता की मिसाल है। जब लाखों श्रद्धालु एक साथ उमड़ते हैं और सब कुछ शांतिपूर्ण, सुगठित और भक्तिमय होता है—तो यह झारखंड प्रशासन के सतर्क और संवेदनशील नेतृत्व की सफलता को दर्शाता है।
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सजग आस्था, सशक्त प्रशासन—यही है झारखंड की पहचान
बाबा की नगरी में उमड़े श्रद्धालुओं का अनुशासन, प्रशासन की सतर्कता और भक्ति की लहर झारखंड के एक आदर्श स्वरूप को दर्शाती है।
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