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सावन की दूसरी सोमवारी पर भक्तिभाव में डूबा शिवधोड़ा, भक्ति में लीन हुए श्रद्धालु

#गढ़वा #श्रद्धा : सावन की सोमवारी पर पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने शिवधोड़ा में की पूजा-अर्चना — श्रृंगार मंडली के आमंत्रण पर पहुंचे, जताया आभार

भक्ति, विश्वास और उत्सव का संगम बना शिवधोड़ा मंदिर

गढ़वा जिले के प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल शिवधोड़ा में सावन माह की दूसरी सोमवारी के अवसर पर भक्ति और आस्था का अद्वितीय नजारा देखने को मिला। इस अवसर पर झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री एवं झामुमो के केंद्रीय महासचिव मिथिलेश कुमार ठाकुर ने स्वयं मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। वे श्रृंगार मंडली के आमंत्रण पर यहां आए थे।

पूर्व मंत्री ने जताया मंदिर में पूजा का सौभाग्य

मिथिलेश ठाकुर ने कहा: “सावन के पवित्र माह में इस ऐतिहासिक शिवधाम में पूजा करने का अवसर मिलना मेरे लिए गर्व और सौभाग्य की बात है। यह स्थान गढ़वा की संस्कृति और आस्था का केंद्र है।”

पूर्व मंत्री ने श्रृंगार मंडली के सभी सदस्यों को इस सुसंगठित धार्मिक आयोजन के लिए धन्यवाद दिया और समाज में इस तरह की भक्ति भावनाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सकारात्मक ऊर्जा और सामाजिक एकता का प्रतीक है।

मंदिर परिसर में गूंजे ‘हर हर महादेव’

पूरे आयोजन के दौरान मंदिर प्रांगण ‘हर हर महादेव’, ‘बोल बम’ और ‘बम-बम भोले’ के नारों से गूंजता रहा। मंदिर को खास तौर पर फूलों, रंग-बिरंगी झालरों और रोशनी से सजाया गया थामुख्य पुजारी द्वारा मंत्रोच्चार के बीच विधिपूर्वक रुद्राभिषेक, बेलपत्र अर्पण और भगवान शिव का श्रृंगार किया गया। श्रद्धालु अखंड श्रद्धा और नियम से पूजा में सम्मिलित हुए।

व्यवस्था, श्रद्धा और सुरक्षा की मिसाल बना आयोजन

इस विशाल आयोजन की सुरक्षा, साफ-सफाई और श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए श्रृंगार मंडली ने पूरी जिम्मेदारी के साथ व्यवस्था संभाली। भक्तों को आरामदायक पूजा का अवसर देने के लिए स्वयंसेवक तैनात किए गए थे। पूरे शिवधोड़ा परिसर में भक्ति और अनुशासन का माहौल रहा।

गणमान्य लोगों की उपस्थिति ने बढ़ाया आयोजन का गौरव

इस भव्य आयोजन में सुमित पाल, सन्नी चंद्रवंशी, नंदु गौड़, राहुल सोनी, गोविंद गौंड, दिनानाथ पासी, अनिल कुठे चंद्रवंशी, सुनील रवि, सहित अभिजीत यादव, कमल यादव, नीतिश कुमार, इंजित कश्यप, जितेंद्र कुमार (मीडिया प्रभारी) और श्रृंगार मंडली के अनेक सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस आयोजन को सफल और भक्तिमय बनाने में भूमिका निभाई।

न्यूज़ देखो: शिवधोड़ा में उमड़ी श्रद्धा, संजीवनी बनी आस्था

‘न्यूज़ देखो’ इस ऐतिहासिक आयोजन को केवल एक धार्मिक प्रसंग नहीं बल्कि झारखंडी संस्कृति और आस्था के जीवंत उदाहरण के रूप में देखता है। जब जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और श्रद्धालु मिलकर ऐसे आयोजनों में भाग लेते हैं, तो समाज में सद्भाव, शक्ति और संस्कार का संचार होता है। शिवधोड़ा की गूंजती घंटियां, सावन की सोमवारी की आस्था और समाज का समर्पण — यही झारखंड की असली पहचान है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शिवभक्ति से जुड़ता है समाज, बनती है सकारात्मकता

सावन की सोमवारी जैसे आयोजनों से सामूहिक चेतना, संस्कार और समाजिक ऊर्जा को बल मिलता है। शिवधोड़ा जैसी जगहें सिर्फ पूजा के स्थल नहीं बल्कि सांस्कृतिक संवाद और श्रद्धा के केंद्र बनते हैं।
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