
#गुमला #श्रावण_सोमवारी : ‘बोल बम’ के जयघोष से गूंजा टांगीनाथ धाम—भक्तों का उमड़ा सैलाब, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
- सुबह चार बजे से श्रद्धालुओं का जत्था मंदिर की ओर बढ़ने लगा।
- ओडिशा, बिहार, यूपी, छत्तीसगढ़ से भी पहुंचे हजारों भक्त।
- चार प्रमुख स्थलों पर भव्य भंडारे का आयोजन हुआ।
- डाक कांवरियों की टोली रही आकर्षण का केंद्र।
- प्रशासन ने की सुरक्षा, स्वास्थ्य और ट्रैफिक की सख्त व्यवस्था।
शिवभक्ति का अद्भुत नजारा
सावन माह के तीसरे सोमवार पर डुमरी प्रखंड के ऐतिहासिक बाबा टांगीनाथ धाम में आस्था का सैलाब उमड़ा। सुबह चार बजे से ही भक्तों की भीड़ मंदिर की ओर बढ़ने लगी। थोड़ी ही देर में पूरा मंदिर परिसर और आसपास का इलाका भक्तों से भर गया। गगनभेदी नारों ‘बोल बम’, ‘हर हर महादेव’, ‘जय भोलेनाथ’ से वातावरण गुंजायमान हो उठा।
हर हाथ में गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा और प्रसाद था। श्रद्धालुओं ने विधिवत जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर झारखंड के विभिन्न जिलों के साथ-साथ ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार और उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालु पहुंचे।
डाक कांवरियों ने बढ़ाया उत्साह
इस धार्मिक मेले का मुख्य आकर्षण डाक कांवरियों की टोली रही। कांवरिया टोली जोश और उत्साह से दौड़ते हुए बाबा के दर्शन के लिए पहुंची। महिला, पुरुष, वृद्ध, बच्चे—हर वर्ग में शिवभक्ति का अद्भुत उत्साह देखने को मिला।
चार स्थानों पर भव्य भंडारा
श्रद्धालुओं की सेवा के लिए चार प्रमुख स्थलों पर भंडारे का आयोजन किया गया। इन भंडारों में खिचड़ी, चावल, सब्जी, पूड़ी, हलवा और शुद्ध पेयजल की सेवा की गई। समाजसेवी संगठनों और स्थानीय व्यापारियों की ओर से आयोजित इन भंडारों में श्रद्धालु कतारबद्ध होकर प्रसाद ग्रहण करते रहे।
भंडारे की सेवा में स्वयंसेवक, युवा और महिलाएं दिनभर जुटे रहे। श्रद्धालुओं ने इस व्यवस्था को सामाजिक एकता का प्रतीक बताया।
प्रशासनिक तैयारी रही सख्त
इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, पेयजल और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए। पुलिस बल, महिला पुलिस और होमगार्ड की तैनाती रही। रूट पर बनाए गए शिविरों में प्राथमिक उपचार और विश्राम की व्यवस्था भी की गई।
अन्य शिवालयों में भी रहा उत्सव का माहौल
डुमरी प्रखंड के रुद्रपुर, कुरूमगढ़, बसिया और बिशुनपुर स्थित प्रमुख शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही जलाभिषेक और विशेष पूजन-अर्चना होती रही। कई मंदिरों में भी भंडारा और प्रसाद वितरण किया गया।
सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा टांगीनाथ धाम समेत पूरे क्षेत्र में शिवभक्ति की लहर श्रद्धा और आस्था की अद्वितीय मिसाल बन गई।



न्यूज़ देखो: आस्था और अनुशासन का संगम
बाबा टांगीनाथ धाम में उमड़े जनसैलाब ने दिखाया कि श्रद्धा और अनुशासन साथ चल सकते हैं। भक्तों की भीड़ के बावजूद प्रशासन और स्थानीय संगठनों की मुस्तैदी ने यह सुनिश्चित किया कि आस्था का यह महापर्व बिना अव्यवस्था के संपन्न हो।
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आस्था में एकजुटता, समाज में सकारात्मकता
सावन के इस पावन अवसर ने न केवल आस्था को गहरा किया, बल्कि सामाजिक समरसता और सेवा भाव का भी संदेश दिया। आप भी अपनी राय हमें कमेंट में बताएं, इस खबर को शेयर करें, और इसे उन दोस्तों तक पहुंचाएं जो बाबा भोलेनाथ के भक्त हैं।