
#सिमडेगा #स्वास्थ्यजागरूकता : नर्सिंग छात्राओं ने स्कीट के माध्यम से डायबिटीज के खतरे और बचाव पर विस्तृत जानकारी दी।
- कॉलेज में वर्ल्ड डायबिटीज डे पर स्कीट के जरिए जागरूकता प्रस्तुत की गई।
- निदेशक डॉ. प्रहलाद मिश्रा ने डायबिटीज और इंसुलिन के इतिहास पर जानकारी दी।
- भारत में हर चौथा व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित बताया गया।
- सही खान-पान, योग और कम तनाव को बचाव का प्रमुख उपाय बताया गया।
- कार्यक्रम में निशि डुंगडुंग, रिचा हेमरोम, आईभी खलखो, वंदना धनवार सहित कई छात्राएं मौजूद रहीं।
सिमडेगा स्थित मदर टेरेसा कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग में वर्ल्ड डायबिटीज डे के अवसर पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें नर्सिंग छात्राओं ने स्कीट के माध्यम से डायबिटीज के खतरे, कारण और बचाव के तरीकों को सरल भाषा में लोगों के सामने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में तेजी से फैल रही डायबिटीज बीमारी के प्रति सतर्कता बढ़ाना और युवाओं को समय रहते स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
निदेशक ने बताया डायबिटीज दिवस का महत्व और इंसुलिन का इतिहास
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कॉलेज के निदेशक डॉ. प्रहलाद मिश्रा ने कहा कि हर वर्ष 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है, क्योंकि यह इंसुलिन के आविष्कारक कनाडाई वैज्ञानिक फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्मदिन है।
उन्होंने बताया कि डायबिटीज आज भारत में अत्यंत तेजी से बढ़ रही है और चिंताजनक बात यह है कि हर चौथा भारतीय इस बीमारी से पीड़ित है। गलत खान-पान, तनाव, अनियमित दिनचर्या और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख कारण हैं।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि योग, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और तनाव में कमी लाकर लोग डायबिटीज से बच सकते हैं और पहले से पीड़ित मरीज बेहतर जीवन जी सकते हैं।
छात्राओं ने स्कीट के माध्यम से समझाया डायबिटीज का प्रभाव
नर्सिंग छात्राओं ने स्कीट के जरिए बताया कि कैसे अनियमित जीवनशैली डायबिटीज को जन्म देती है और समय पर उपचार न मिलने पर यह बीमारी किडनी, आंख, नसों और हृदय पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
कार्यक्रम में छात्रों ने यह भी बताया कि नियमित जांच, ब्लड शुगर नियंत्रण और डॉक्टर की सलाह इस बीमारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्राचार्या ने जागरूकता बढ़ाने की सराहना की
कॉलेज की प्राचार्या एरेन बेक ने वर्ल्ड डायबिटीज डे पर छात्राओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि नर्सिंग छात्राएं समाज को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मुद्दों के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने सभी छात्राओं को निरंतर स्वास्थ्य शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राएं रहीं उपस्थित
इस कार्यक्रम में निशि डुंगडुंग, रिचा हेमरोम, आईभी खलखो, वंदना धनवार, कविता कुमारी, खुशबू कुमारी, सरिता कैथा, सचिव निभा मिश्रा, रविकांत मिश्रा तथा सभी नर्सिंग छात्राएं मौजूद रहीं और कार्यक्रम को सफल बनाया।

न्यूज़ देखो: डायबिटीज जागरूकता की राह पर सार्थक पहल
यह कार्यक्रम बताता है कि डायबिटीज केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि आधुनिक जीवनशैली की चुनौती बन चुका है। नर्सिंग संस्थानों का जागरूकता बढ़ाने में सक्रिय योगदान समाज को स्वस्थ दिशा दे सकता है। स्वास्थ्य संस्थानों और प्रशासन को ऐसे प्रयास बढ़ाने चाहिए ताकि बीमारी नियंत्रण में आए और लोग स्वस्थ जीवन अपना सकें।
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सेहत ही सर्वोपरि, जागरूक रहना ही बचाव का मार्ग
डायबिटीज जैसी बीमारियाँ समय रहते पहचानी जाएँ तो बड़ी जटिलताओं को रोका जा सकता है। सही खान-पान, योग, व्यायाम और तनाव-मुक्त जीवन न केवल डायबिटीज बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाते हैं।
अब जरूरत है कि हम सभी अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और दूसरों को भी प्रेरित करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और समाज में स्वास्थ्य जागरूकता को आगे बढ़ाएँ।





