
#दुमका #पर्यावरण_दिवस – सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान में नियम पालन करने वाले वाहन चालकों को मिला हरियाली का तोहफा
- दुमका में पर्यावरण दिवस पर हेलमेट पहनने वाले चालकों को दिया गया पौधा
- मुफ्फसिल थाना के सामने चला सड़क सुरक्षा और पर्यावरण जागरूकता अभियान
- जिला परिवहन पदाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक ने किया सम्मान और अपील
- 10 बाइक व 2 ऑटो चालकों से वसूले गए ₹15,000 जुर्माने के रूप में
- बिना नंबर प्लेट वाले ऑटो चालकों को दी गई सख्त चेतावनी
हेलमेट पहनने पर मिला हरियाली का सम्मान
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर दुमका जिले में एक अनोखा पहल देखने को मिला।
मुफ्फसिल थाना दुमका के सामने जिला परिवहन पदाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) की उपस्थिति में एक सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया गया।
इस अभियान की खास बात यह रही कि हेलमेट पहनकर नियमों का पालन कर रहे वाहन चालकों को पौधा देकर सम्मानित किया गया।
अधिकारियों ने कहा कि –
“सड़क सुरक्षा उपकरणों जैसे हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग जीवन रक्षा में सहायक है। वाहन चलाते समय सावधानी बरतकर हम अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।”
नियम उल्लंघन पर जुर्माना और चेतावनी
अभियान के दौरान 10 मोटरसाइकिल चालकों और 2 ऑटोरिक्शा चालकों को नियम तोड़ते हुए पकड़ा गया।
इनसे कुल मिलाकर ₹15,000 जुर्माना वसूला गया।
साथ ही, बिना नंबर प्लेट चल रहे ऑटो चालकों को निर्देश दिया गया कि वे जल्द से जल्द वाहन का रजिस्ट्रेशन कराएं और वैध नंबर प्लेट लगवाएं, अन्यथा आगे कार्रवाई की जाएगी।
सम्मान और अनुशासन का मिला संदेश
यह कार्यक्रम एक प्रेरणादायक संदेश लेकर आया कि जो लोग नियमों का पालन करते हैं, वे न केवल सुरक्षित रहते हैं, बल्कि प्रशंसा और समाज में सम्मान के भी पात्र होते हैं।
पौधा देकर सम्मानित करने की इस पहल ने पर्यावरण और सुरक्षा के बीच सकारात्मक संबंध स्थापित किया।

न्यूज़ देखो: पर्यावरण और सुरक्षा का मिला संगम
‘न्यूज़ देखो’ इस पहल का स्वागत करता है, जिसमें सड़क सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ जोड़ा गया।
यह कार्यक्रम न केवल सावधानी बरतने वाले नागरिकों को प्रोत्साहन देता है, बल्कि दूसरों को भी नियम पालन के लिए प्रेरित करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नियमों की पालना ही असली सुरक्षा है
जब नागरिक सुरक्षा नियमों का पालन करते हैं, तो न केवल उनकी जान की रक्षा होती है, बल्कि सामाजिक अनुशासन भी कायम रहता है।
दुमका की यह पहल हर जिले के लिए अनुकरणीय है।
आइए, पर्यावरण और नियमों के प्रति जागरूक बनें, और एक सुरक्षित व हरित भारत की ओर कदम बढ़ाएं।