
#लातेहार #मानवताकीमिसाल : डायरेक्टर मोहम्मद रिजवान राही बोले, मानवता सबसे बड़ा धर्म है।
- सोमवार शाम दोरंगी पंचायत के पास सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हुआ।
 - चलो उमरा चलो 92 फाउंडेशन के डायरेक्टर मोहम्मद रिजवान राही अपनी टीम के साथ रांची से लौट रहे थे।
 - उन्होंने तुरंत एंबुलेंस बुलवाकर घायल युवक को लातेहार सदर अस्पताल भेजवाया।
 - मृतक युवक की पहचान स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही है।
 - फाउंडेशन के सदस्य शौकत अंसारी और मोनाजिर अंसारी ने राहत कार्य में सक्रिय भूमिका निभाई।
 - मोहम्मद रिजवान राही ने कहा कि जरूरतमंद की मदद करना ही संस्था का असली उद्देश्य है।
 
लातेहार जिले के दोरंगी पंचायत के पास सोमवार की शाम हुए सड़क हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के तुरंत बाद “चलो उमरा चलो 92 फाउंडेशन” की टीम ने अपनी इंसानियत का परिचय देते हुए राहत कार्य की कमान संभाली। फाउंडेशन के डायरेक्टर मोहम्मद रिजवान राही अपनी टीम के सदस्यों शौकत अंसारी और मोनाजिर अंसारी के साथ रांची से लौट रहे थे, तभी उन्होंने सड़क किनारे गिरे दो युवकों को देखा — एक युवक अचेत पड़ा था जबकि दूसरा दर्द से कराह रहा था। उन्होंने बिना किसी देरी के अपनी गाड़ी रोकी और मदद के लिए आगे बढ़े।
हादसे में एक की मौत, एक की हालत गंभीर
घटनास्थल पर पहुंचते ही मोहम्मद रिजवान राही ने स्थिति का जायजा लिया और त्वरित मदद की पहल की। उन्होंने तुरंत एंबुलेंस मंगाई और गंभीर रूप से घायल युवक को लातेहार सदर अस्पताल भिजवाया। वहीं, दूसरे युवक को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हादसा अचानक हुआ और किसी ने यह नहीं देखा कि बाइक असंतुलित होकर गिरी या किसी वाहन से टक्कर हुई।
मानवता की मिसाल बनी फाउंडेशन टीम
घटना के बाद “चलो उमरा चलो 92 फाउंडेशन” के सदस्यों ने न सिर्फ घायल को समय पर अस्पताल पहुंचाया, बल्कि मृतक के शरीर को भी सम्मानपूर्वक सुरक्षित स्थान पर रखवाया। मौके पर मौजूद लोगों ने फाउंडेशन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। ग्रामीणों का कहना था कि अगर ऐसे सामाजिक संगठन हर इलाके में सक्रिय रहें, तो आपात स्थिति में कई जानें बचाई जा सकती हैं।
रिजवान राही का मानवीय संदेश
मोहम्मद रिजवान राही ने कहा: “मानवता से बढ़कर कोई धर्म नहीं। जब किसी की जान बचाने का अवसर मिले, तो वही सबसे बड़ा पुण्य होता है। हमारी संस्था का उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हर जरूरतमंद की सहायता करना है।”
उन्होंने आगे कहा कि “चलो उमरा चलो 92 फाउंडेशन” के सदस्य हर वक्त समाज के लिए तैयार रहते हैं, क्योंकि संवेदनशीलता ही समाज की सबसे बड़ी ताकत है।
निरंतर समाजसेवा का उदाहरण
पोखरी कलां, बरवाडीह में स्थित “चलो उमरा चलो 92 फाउंडेशन” झारखंड में समाजसेवा की एक नई पहचान बन चुका है। संस्था ने अब तक हज-उमरा सहायता, गरीब लड़कियों की शादी, कैंसर मरीजों की मदद, शिक्षा सामग्री वितरण, स्कॉलरशिप, और आपातकालीन एंबुलेंस सेवा जैसी अनेक पहलें की हैं। यह हादसा इस बात का प्रतीक है कि संस्था के सदस्य केवल कागजी योजनाओं तक सीमित नहीं, बल्कि हर संकट की घड़ी में मानवता के प्रहरी बनकर खड़े रहते हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि फाउंडेशन की त्वरित प्रतिक्रिया से यह साफ है कि समाज में अभी भी ऐसे लोग हैं जो दूसरों के दर्द को अपना मानते हैं। कई लोगों ने संस्था की सराहना करते हुए कहा कि यदि हर क्षेत्र में ऐसे संवेदनशील लोग हों, तो हादसों के बाद किसी की जान बचाने में देर नहीं होगी।
न्यूज़ देखो: जब समाजसेवा बनी जीवनरक्षक
“चलो उमरा चलो 92 फाउंडेशन” ने फिर यह साबित कर दिया कि सच्ची सेवा वही है जो संकट की घड़ी में दिखाई दे। एक युवक की जान नहीं बच सकी, लेकिन दूसरे की जिंदगी को नई उम्मीद मिली — और यह संभव हुआ संवेदनशीलता, तत्परता और मानवता के जज़्बे से।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
मानवता की राह पर चलने की प्रेरणा
जब कोई संस्था दूसरों के दुःख को अपना समझती है, तब वही समाज में सच्चे परिवर्तन की शुरुआत करती है। “चलो उमरा चलो 92 फाउंडेशन” ने दिखाया कि मानवता किसी धर्म या सीमाओं की मोहताज नहीं। जरूरत है बस संवेदनशील दिलों और सक्रिय कदमों की।
आइए, हम सब ऐसे कार्यों से प्रेरित होकर समाज में मदद और करुणा की भावना को बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और मानवता की इस लौ को आगे फैलाएं।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 



