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मेराल में नव निर्मित ईंट भट्ठा गिरने से एक मजदूर की मौत, चार घायल

#गढ़वा #दुर्घटना : मेराल थाना क्षेत्र के कमरमा गांव में निर्माणाधीन ईंट भट्ठा गिरने से बड़ा हादसा, एक मजदूर की मौत और चार गंभीर रूप से घायल।

गढ़वा जिले के मेराल थाना क्षेत्र के कमरमा गांव में मंगलवार की सुबह लगभग 9 बजे निर्माणाधीन ईंट भट्ठा गिरने से एक दर्दनाक हादसा हो गया। इस घटना में एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के सम्भल जिला के मौ पुर बाबई गांव निवासी 35 वर्षीय पप्पू सिंह (पुत्र रामकुमार सिंह) के रूप में की गई है। सभी मजदूर उत्तर प्रदेश से काम करने के लिए गढ़वा आए हुए थे।

भट्ठा निर्माण के दौरान हुआ हादसा

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कमरमा गांव में गुड्डू सिंह का नया ईंट भट्ठा बनाया जा रहा था। भट्ठा का निर्माण कार्य करीब 100 फीट ऊंचाई तक पहुंच चुका था। मंगलवार को मजदूर लगभग 60 फीट की ऊंचाई पर प्लास्टरिंग कर रहे थे, तभी अचानक ऊपरी हिस्सा धसक गया और सभी मजदूर नीचे गिरते मलबे में दब गए।
मलबे के नीचे दबे मजदूरों को वहां काम कर रहे अन्य मजदूरों ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला और तुरंत गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया गया।

घायल मजदूरों की पहचान

घायलों की पहचान इस प्रकार की गई है —

  1. मनवीर (22 वर्ष), पिता चंद्रसेन सिंह
  2. चमन (22 वर्ष), पिता मो. शमशाद
  3. संग्राम सिंह (35 वर्ष), पिता जालीम सिंह
  4. पुष्पेंद्र कुमार (32 वर्ष), पिता रामचरण सिंह

सभी घायल उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले के एक ही गांव मौ पुर बाबई के रहने वाले हैं और करीब एक माह से भट्ठा निर्माण कार्य में जुटे हुए थे।

हादसे की वजह का खुलासा

घायलों ने बताया कि वे लोग क़ासिम नामक व्यक्ति के कहने पर 10 मजदूरों के समूह में कमरमा आए थे। मंगलवार की सुबह जैसे ही वे ऊपरी हिस्से पर प्लास्टर कर रहे थे, अचानक ईंटें खिसकने लगीं और देखते ही देखते पूरी चिमनी गिर पड़ी। हादसे के बाद स्थल पर अफरा-तफरी मच गई।
मजदूरों ने बताया कि भट्ठे की मजबूती और सुरक्षा की जांच सही तरीके से नहीं की गई थी। इससे निर्माण के दौरान ही चिमनी कमजोर हो गई और हादसा हो गया।

प्रशासनिक कार्रवाई और जांच

घटना की सूचना मिलते ही मेराल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचकर मृतक का शव अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही भट्ठा मालिक और ठेकेदार की जिम्मेदारी तय करने की दिशा में जांच शुरू कर दी गई है।


स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि सुरक्षा मानकों का पालन किया गया होता, तो यह हादसा टाला जा सकता था।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया: “भट्ठा निर्माण के दौरान सुरक्षा उपकरणों का अभाव स्पष्ट दिखा है। विस्तृत जांच के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

न्यूज़ देखो: सुरक्षा लापरवाही से मजदूरों की जान पर खतरा

मेराल की यह दुर्घटना बताती है कि निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी किस तरह मजदूरों के जीवन के लिए घातक साबित होती है। गरीब मजदूर जो रोज़ी-रोटी के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों से निकलते हैं, अक्सर ऐसी लापरवाहियों की भेंट चढ़ जाते हैं। प्रशासन और श्रम विभाग को ऐसे सभी निर्माण स्थलों का औचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई कार्य बिना सुरक्षा प्रबंधों के न हो।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मजदूरों की सुरक्षा ही सच्ची जिम्मेदारी

हर निर्माणाधीन स्थल पर मजदूरों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए। जीवन की कीमत किसी ईंट या मुनाफे से बड़ी होती है। समाज और प्रशासन दोनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
अब वक्त है कि हम सब सुरक्षा और संवेदना की संस्कृति को अपनाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और मजदूरों की आवाज़ को न्याय दिलाने में योगदान दें।

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