
#राँची #विधानसभा_विवाद : विपक्षी विधायकों ने छात्रवृत्ति भुगतान और धान का समर्थन मूल्य 3200 रुपये करने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया
- विपक्ष ने छात्रवृत्ति भुगतान में देरी पर सरकार को घेरा।
- धान का MSP ₹3200 करने की पुरजोर मांग उठाई गई।
- बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में BJP, AJSU, LJP(R) का प्रदर्शन।
- विधानसभा परिसर में तख्तियों और नारों के साथ विरोध।
- छात्रों और किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तेज।
राँची में झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले परिसर का माहौल राजनीतिक तनाव से भर गया। विपक्षी दलों—भारतीय जनता पार्टी, आजसू पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)—के विधायकों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। हाथों में तख्तियां लिए विधायक छात्रवृत्ति भुगतान में देरी और किसानों के लिए धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने जैसी प्रमुख मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने में जुटे थे।
बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने किया। उनके नेतृत्व में विपक्षी विधायकों ने छात्रों को महीनों से छात्रवृत्ति नहीं मिलने को गंभीर लापरवाही बताते हुए सरकार को कठोर शब्दों में घेरा। विपक्ष ने कहा कि छात्र आर्थिक संकट में हैं और सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह विफल रही है।
कई विधायकों ने कहा कि छात्रवृत्ति मिलने में लगातार देरी से गरीब और ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थी सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से तुरंत भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की।
किसानों के लिए धान का समर्थन मूल्य 3200 रुपये की मांग
विधायकों ने किसानों के मुद्दे को भी जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों से वादा किया था कि धान खरीद का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाएगा, परंतु अभी तक इस दिशा में कोई ठोस पहल दिखाई नहीं देती।
विपक्ष ने एक सुर में कहा कि राज्य के किसानों को राहत देने के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹3200 प्रति क्विंटल किया जाना आवश्यक है।
विधायकों का आरोप था कि बढ़ती लागत, बाजार अस्थिरता और मौसम के उतार–चढ़ाव के बीच MSP बढ़ाए बिना किसानों को सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकती।
परिसर में सुरक्षा बढ़ी, लेकिन प्रदर्शन जारी
विधानसभा परिसर में नारेबाजी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई थी। बावजूद इसके विपक्षी विधायक अपनी मांगों को लेकर लगातार आवाज़ बुलंद करते रहे। तख्तियों पर “छात्रवृत्ति दो – विद्यार्थियों को न्याय दो” और “किसानों से किया वादा पूरा करो” जैसे नारे लिखे थे।
विपक्ष ने कहा कि जब तक छात्रों और किसानों के मुद्दों पर ठोस कार्रवाई नहीं होगी, उनका विरोध जारी रहेगा।
न्यूज़ देखो: विपक्ष के तेवरों से सत्र में टकराव बढ़ने के संकेत
शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष आक्रामक रुख अपनाए हुए है। छात्रवृत्ति और MSP जैसे मुद्दे जनभावनाओं से जुड़े हैं, इसलिए इन पर सरकार और विपक्ष के बीच गहमागहमी बढ़ना तय माना जा रहा है। आने वाले दिनों में यह विवाद सदन की कार्यवाही को भी प्रभावित कर सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जनहित के मुद्दों पर जागरूक रहें, अपनी आवाज़ मजबूत बनाएं
छात्र–छात्रवृत्ति, किसानों का MSP, रोजगार जैसे विषय आपसे सीधे जुड़े हैं। जिम्मेदार नागरिक बनकर सही जानकारी साझा करें, सरकार से जवाबदेही मांगें और सामाजिक चर्चाओं में सक्रिय भाग लें। इस खबर को साझा करें और नीचे अपनी राय अवश्य दें — आपकी आवाज़ बदलाव की ताकत है।





