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पतरातू घाटी में ट्रेलर की चपेट में आए दो स्कूटी सवार छात्रों की दर्दनाक मौत से ओरमांझी और राँची में शोक

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#राँची #सड़कदुर्घटना : पतरातू घाटी में ट्रेलर की चपेट में आने से माउंट कार्मेल स्कूल के दो नौवीं कक्षा के छात्रों की मौत—इलाके में मातम का माहौल
  • पतरातू घाटी, पिठोरिया थाना क्षेत्र में ट्रेलर की चपेट में आने से दो छात्रों की मौत।
  • मृतक दोनों छात्र माउंट कार्मेल स्कूल, ओरमांझी में कक्षा 9 के विद्यार्थी थे।
  • पहला छात्र अभिजय रंजन, ग्राम कुच्चू, पिता कृष्ण कुमार शर्मा, शिक्षा विभाग में कार्यरत।
  • दूसरा छात्र आदित्य कुमार, निवासी बूटी गांव, उम्र दोनों की लगभग 16 वर्ष
  • घटना गुरुवार दोपहर 3 बजे की, स्कूटी पतरातू की ओर से आ रहे ट्रेलर में फंसी।
  • पुलिस ने दोनों को रिम्स पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित किया।।

गुरुवार की दोपहर राँची जिले के पिठोरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत पतरातू घाटी में हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। माउंट कार्मेल स्कूल, ओरमांझी में कक्षा नौ में पढ़ने वाले दो किशोर छात्र—अभिजय रंजन और आदित्य कुमार—एक भीषण दुर्घटना में ट्रेलर की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठे। घटना उस समय हुई जब दोनों स्कूटी से पतरातू घाटी घूमने जा रहे थे। हादसा इतना भयानक था कि स्कूटी सीधे ट्रेलर में जा फंसी और मौके पर ही स्थिति गंभीर हो गई। पुलिस द्वारा उन्हें तुरंत रिम्स लाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही दोनों परिवारों में कोहराम मच गया और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

कैसे हुआ हादसा: ट्यूशन का बहाना बनाकर निकले थे दोनों छात्र

घटना की शुरुआत गुरुवार को दोपहर करीब दो बजे हुई जब माउंट कार्मेल स्कूल में परीक्षा समाप्त होने के बाद दोनों छात्र घर पहुँचे। कुछ देर बाद दोनों ने अपने-अपने परिवार से कहा कि वे ट्यूशन पढ़ने जा रहे हैं। आदित्य अपने घर बूटी से स्कूटी लेकर कुच्चू पहुँचा और वहाँ से अपने दोस्त अभिजय को साथ लेकर पिठोरिया के रास्ते पतरातू घाटी की ओर निकल पड़ा। किशोरों की यह सामान्य-सी सैर कुछ ही घंटों में एक भयावह हादसे में बदल जाएगी—यह कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।

बुचाव घाटी के पास हुआ भीषण टक्कर

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों छात्र पिठोरिया थाना से कुछ दूरी पर बुचाव घाटी के समीप पहुँचे ही थे कि पतरातू की ओर से राँची की दिशा में आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने उनकी स्कूटी को सीधी टक्कर मार दी। घटना इतनी भीषण थी कि स्कूटी ट्रेलर के नीचे फंस गई, जिससे दोनों किशोर गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पिठोरिया थाना पुलिस मौके पर पहुँची और तुरंत छात्रों को रिम्स भेजा गया। हालांकि, गंभीर चोटों के कारण डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

परिवारों में मातम, माँ-बाप का रो-रोकर बुरा हाल

कुच्चू निवासी अभिजय के पिता कृष्ण कुमार शर्मा, जो शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं, ने बताया कि उनका बेटा ट्यूशन पढ़ने की बात कहकर घर से निकला था। शाम में उन्हें सूचना मिली कि उनका बेटा दुर्घटना में घायल हुआ है और रिम्स में भर्ती है। अस्पताल पहुँचने पर उन्हें पता चला कि अभिजय और उसके साथी आदित्य—दोनों अब इस दुनिया में नहीं रहे। दोनों परिवारों की माताएँ अपने बच्चों को खोकर बेसुध रो रही हैं, और गांवों में गहरा शोक व्याप्त है।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया

पिठोरिया थाना पुलिस ने मौके का निरीक्षण कर ट्रेलर को कब्जे में ले लिया है। पुलिस दुर्घटना के सटीक कारणों की जांच कर रही है, जिसमें ट्रेलर की गति, ब्रेकिंग दूरी, सड़क की स्थिति और ड्राइवर की जिम्मेदारी की भी जाँच की जाएगी। पतरातू घाटी, जो पहले से ही दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात है, एक बार फिर सवालों के घेरे में है कि आखिर सड़क सुरक्षा के नाम पर अब तक प्रभावी कदम क्यों नहीं उठाए गए।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों ने इस घटना को प्रशासन की लापरवाही और पतरातू-राँची मार्ग पर भारी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही का परिणाम बताया। लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में पहले भी कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन ट्रैफिक कंट्रोल, स्पीड चेकिंग और सुरक्षा उपायों का अभाव स्पष्ट दिखाई देता है। स्कूल जाने वाले बच्चे, विद्यार्थी और स्थानीय लोग इस मार्ग पर हर दिन जोखिम उठाते हैं।

किशोरों की दोस्ती और सपने

अभिजय और आदित्य, दोनों ही 16 वर्ष के, बेहद करीबी मित्र थे। स्कूल, परीक्षा और भविष्य के सपनों को लेकर दोनों अक्सर एक-दूसरे के साथ रहते थे। उनकी अचानक मौत ने न केवल परिवारों, बल्कि उनके स्कूल और सहपाठियों को भी गहरी चोट पहुँचाई है। माउंट कार्मेल स्कूल में भी गम का माहौल है, जहाँ शिक्षकों ने दोनों को मेहनती, शांत और उज्ज्वल भविष्य वाले छात्र बताया।

न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा की अनदेखी का घातक परिणाम

यह घटना स्पष्ट करती है कि पतरातू घाटी जैसे संवेदनशील इलाकों में भारी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही और प्रशासनिक निगरानी की कमी किस तरह मासूम जिंदगियों को निगल रही है। किशोर छात्रों की यह दर्दनाक मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों पर गंभीर सवाल है। अब जिम्मेदारी प्रशासन की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब समय है सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लेने का

हमारे आसपास रोजाना होने वाली ऐसी दुर्घटनाएँ यह याद दिलाती हैं कि जिम्मेदारी केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि हर नागरिक की है। यदि हम सतर्क रहें, नियमों का पालन करें और खतरनाक मार्गों पर सावधानी बढ़ाएँ, तो कई जिंदगियाँ बच सकती हैं। आज दो परिवारों ने अपने लाल खो दिए—कल यह किसी और घर में भी हो सकता है। इसलिए सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना हम सबका कर्तव्य है।
अपनी राय कमेंट में लिखें, इस खबर को अधिक से अधिक साझा करें और सड़क सुरक्षा जागरूकता फैलाने में सहयोग दें, ताकि ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हों।
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