
#रांची #आउटसोर्सिंग_विवाद : फ्रंटलाइन एनसीआर कंपनी के खिलाफ कर्मियों का फूटा गुस्सा — 5 तारीख तक वेतन और स्लिप जारी करने पर बनी सहमति
- मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय के कर्मियों ने कंपनी कार्यालय का घेराव किया
- वेतन और स्लिप समय पर नहीं मिलने को लेकर जताई नाराजगी
- वार्ता में हर माह की 5 तारीख तक वेतन-स्लिप देने पर बनी सहमति
- गिरिडीह के कर्मियों को एक माह का वेतन भुगतान किया गया
- 20 दिन में सभी बकाया भुगतान का वादा कंपनी द्वारा किया गया
पदयात्रा कर पहुंचे कर्मी, जमकर किया प्रदर्शन
मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों ने बुधवार को फ्रंटलाइन एनसीआर बिजनेस सॉल्यूशन कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कंपनी के कार्यालय का घेराव किया। यह प्रदर्शन झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो के नेतृत्व में हुआ। कर्मियों ने रांची स्थित कार्यालय तक पदयात्रा की और घंटों तक कार्यालय का घेराव कर वेतन में हो रही देरी पर विरोध जताया।
वेतन और स्लिप में अनियमितता को लेकर नाराज कर्मी
कर्मियों ने आरोप लगाया कि वेतन समय पर नहीं दिया जा रहा और पेमेंट स्लिप भेजने में भी अनदेखी की जा रही है। सफाईकर्मी, सुरक्षा गार्ड और माली समेत कई आउटसोर्स कर्मियों को एसओपी (Standard Operating Procedure) तक उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिससे उन्हें कार्य के दौरान असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
देवेंद्रनाथ महतो ने कहा: “हम लगातार मांग कर रहे हैं कि कर्मियों को समय पर वेतन और अधिकार मिले। सरकार द्वारा चलाई जा रही उत्कृष्ट विद्यालय योजना में लगे कर्मियों के साथ ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
कंपनी प्रबंधन ने दिया 20 दिन में समाधान का भरोसा
घेराव के बाद देर शाम कंपनी के महाप्रबंधक अश्विनी सिंह, एचआर आइसा परवीन और एरिया मैनेजर आशुतोष रंजन ने प्रदर्शनकारी कर्मियों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि हर माह की 5 तारीख तक सभी कर्मियों को पेमेंट स्लिप ईमेल या व्हाट्सएप पर भेजी जाएगी। साथ ही, सभी स्टाफ को एसओपी दस्तावेज भी उपलब्ध कराया जाएगा।
गिरिडीह जिला के कर्मियों को एक माह का बकाया वेतन भुगतान किया गया और आश्वासन दिया गया कि शेष बकाया 20 दिनों के भीतर दे दिया जाएगा। इसके अलावा, 5 से 7 तारीख तक नियमित रूप से वेतन भुगतान की प्रक्रिया सुनिश्चित करने का वादा भी कंपनी प्रबंधन ने किया।
कर्मियों ने जताया संतोष, रखा चेतावनी भरा रुख
हालांकि वार्ता के बाद कुछ हद तक कर्मियों ने राहत की सांस ली, लेकिन उनका यह भी कहना है कि यदि तय समयसीमा में वादे पूरे नहीं किए गए तो दोबारा आंदोलन किया जाएगा।
आउटसोर्सिंग कर्मी गौतम महतो ने कहा: “हमारा संघर्ष वेतन और अधिकार की लड़ाई है। समय पर भुगतान नहीं मिला तो आने वाले दिनों में कंपनी और सरकार दोनों के खिलाफ बड़ा आंदोलन होगा।”
आंदोलन में कई जिलों के कर्मियों की सहभागिता
इस घेराव कार्यक्रम में प्रदूषित, असंतोषजनक कार्य व्यवस्था और अनियमित वेतन भुगतान के खिलाफ गौतम महतो, प्रदीप उरांव, जागेश्वर महतो, बसंती देवी, बिहारी हेंब्रम, अरविंद कुमार, वर्षा देवी, लालेश्वर महतो, ललिता कुमारी समेत कई जिलों के कर्मी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कंपनी की मनमानी के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
न्यूज़ देखो: कर्मियों के हक की आवाज बनता आंदोलन
सरकारी योजना हो या निजी अनुबंध — कर्मचारियों का सम्मान और उनका समय पर भुगतान एक मौलिक अधिकार है। मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय में कार्यरत कर्मियों का यह प्रदर्शन दिखाता है कि संघर्ष से ही समाधान निकलता है। न्यूज़ देखो इस आवाज को मंच देने और जवाबदेही तय कराने की दिशा में संकल्पित है।
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न्याय की उम्मीद में जुटे कर्मी, साथ दें उनकी आवाज़ को
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