
#गुमला #स्कूलसुरक्षा : आक्सीब्रिज स्कूल में बच्चों को ढोने वाले वाहनों की सघन जांच में चार वाहन जब्त, प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई का संकेत
- गुमला जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक हारिश बिन जमा के निर्देश पर सघन जांच अभियान चलाया गया।
- बच्चों को क्षमता से अधिक बिठाकर ओवरलोडिंग किए जाने की शिकायत मिली।
- जांच में वाहनों के फिटनेस, इंश्योरेंस, टैक्स और पॉल्यूशन कागजात फेल पाए गए।
- स्कूल के वाहन जब्त किए गए—एक विंगर, एक ओमनी और दो टेंपो।
- जिला शिक्षा अधीक्षक ने प्रिंसिपल तारकेश्वर दास को चेतावनी देते हुए स्कूल की मान्यता रद्द करने की संभावना जताई।
गुमला में सोमवार को आक्सीब्रिज स्कूल में बच्चों को ढोने वाले वाहनों के खिलाफ जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त सघन जांच ने स्कूल प्रबंधन की गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया। उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित के निर्देशानुसार अभियान सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चलाया गया था। बच्चों की शिकायत और जांच में पता चला कि वाहनों में क्षमता से अधिक संख्या में बच्चे बिठाए जा रहे थे, जिससे ओवरलोडिंग की स्थिति बनी थी। जांच के दौरान कई वाहन आवश्यक दस्तावेजों के बिना पाए गए और उनकी स्थिति भी खतरनाक पाई गई। इस कार्रवाई में एक विंगर, एक ओमनी और दो टेंपो जब्त किए गए, जिनमें फिटनेस, इंश्योरेंस, टैक्स और पॉल्यूशन से संबंधित सभी दस्तावेज फेल पाए गए।
प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन पर कड़ी चेतावनी
जिला शिक्षा अधीक्षक मौके पर पहुंचे और प्रिंसिपल तारकेश्वर दास को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए नियमों का पालन अनिवार्य है। शिक्षा अधीक्षक ने प्रिंसिपल से सभी आवश्यक कागजात मंगवाए और स्पष्ट किया कि मान्यता रद्द होने का खतरा टला नहीं है, यदि स्कूल द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया।
जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा: “बच्चों की सुरक्षा किसी भी कीमत पर समझौता नहीं हो सकती। नियमों का उल्लंघन किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।”
DTO का संदेश: स्कूल वाहनों के लिए कमर्शियल नंबर अनिवार्य
जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) ने स्पष्ट किया कि सभी स्कूलों के वाहन कमर्शियल नंबर प्लेट (पीला नंबर) के साथ ही प्रयोग किए जाएंगे। बिना ऑथराइजेशन और आवश्यक दस्तावेजों वाले किसी वाहन को बच्चों को लाने-ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कमर्शियल नंबर होने से दुर्घटना की स्थिति में बीमा संबंधी सुविधा सरल होती है, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए अत्यंत जरूरी है।
DTO ने कहा: “छोटा खर्च बचाने के चक्कर में बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डालना स्वीकार्य नहीं। बिना कागजात के वाहनों पर लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।”
बच्चों की सुरक्षा और प्रशासन की तत्परता
इस अभियान ने स्पष्ट कर दिया कि गुमला जिला प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। स्कूल प्रबंधन को नियमों का पालन करने और वाहनों के उचित दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। उपायुक्त और पुलिस ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसे उल्लंघन की पुनरावृत्ति न हो।



न्यूज़ देखो: सख्त प्रशासनिक कार्रवाई से स्कूलों में सुरक्षा सुधार की उम्मीद
गुमला प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया कि बच्चों की सुरक्षा किसी भी हाल में समझौते के योग्य नहीं है। स्कूलों को अब नियमों का पालन अनिवार्य करना होगा और माता-पिता को भी जागरूक रहना होगा। प्रशासन की सतर्कता और सख्त कदम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
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बच्चों की सुरक्षा, समाज की जिम्मेदारी
हमारे बच्चों की सुरक्षा केवल स्कूल या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज की भी साझा जिम्मेदारी है। माता-पिता, शिक्षक और नागरिक मिलकर नियमों का पालन सुनिश्चित करें। स्कूलों में किसी भी अनियमितता की सूचना समय रहते प्रशासन तक पहुंचाएं।
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