
#सिमडेगाजिला #धानअधिप्राप्ति : खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 में एमएसपी पर खरीद से किसानों में बढ़ा भरोसा।
सिमडेगा जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 के तहत धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया तेज गति से जारी है। उपायुक्त कंचन सिंह के निर्देश पर जिले के 16 लैंपसों में 15 दिसंबर 2025 से धान खरीद शुरू की गई है। अब तक 11,538 किसानों का निबंधन हुआ है और 172 किसानों से 9,145.97 क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भुगतान से किसानों को आर्थिक संबल मिला है और सरकारी व्यवस्था पर भरोसा मजबूत हुआ है।
- सिमडेगा जिला प्रशासन की निगरानी में 16 लैंपसों पर धान खरीद जारी।
- 15 दिसंबर 2025 से शुरू हुई खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 की अधिप्राप्ति।
- अब तक 11,538 किसानों का निबंधन पूरा।
- 172 किसानों से 9,145.97 क्विंटल धान की खरीद।
- 49 किसानों को 57.31 लाख रुपये से अधिक का भुगतान।
- धान का एमएसपी 2,450 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित।
सिमडेगा जिले में धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया ने इस वर्ष गति पकड़ ली है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन के समन्वित प्रयासों से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ सीधे मिल रहा है। जिले में स्थापित लैंपसों के माध्यम से धान खरीद की व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। इससे न केवल किसानों की भागीदारी बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक प्रभाव दिखाई दे रहा है।
उपायुक्त के निर्देशन में सुचारू व्यवस्था
उपायुक्त कंचन सिंह के दिशा-निर्देशन में जिला प्रशासन ने खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 के लिए धान अधिप्राप्ति की ठोस योजना बनाई है। इसके तहत जिले के विभिन्न प्रखंडों में कुल 16 क्रय केंद्र (लैंपस) स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों पर 15 दिसंबर 2025 से धान खरीद की प्रक्रिया विधिवत शुरू की गई, जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ रहा है।
प्रशासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी किसान को बिचौलियों के पास अपनी उपज बेचने की मजबूरी न हो और उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित उचित मूल्य मिले।
किसानों का बढ़ता निबंधन
धान अधिप्राप्ति की शुरुआत के साथ ही किसानों की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। अब तक जिले के सभी 16 लैंपसों में कुल 11,538 किसानों ने निबंधन कराया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि किसान सरकारी व्यवस्था पर भरोसा जता रहे हैं और योजनाओं से जुड़कर लाभ उठाना चाहते हैं।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर सूचना, स्थानीय स्तर पर खरीद केंद्र और भुगतान की स्पष्ट व्यवस्था किसानों को आकर्षित कर रही है।
लक्ष्य के अनुरूप हो रही खरीद
राज्य सरकार द्वारा सिमडेगा जिले के लिए कुल 2,00,000 क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 172 किसानों से 9,145.97 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति की जा चुकी है। अधिकारियों के अनुसार, यह केवल शुरुआत है और आने वाले दिनों में धान की आवक में और तेजी आने की संभावना है।
कटाई के बाद जैसे-जैसे किसान अपनी उपज बाजार में लाएंगे, वैसे-वैसे खरीद का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ेगा।
समय पर भुगतान से किसानों में संतोष
धान अधिप्राप्ति के साथ-साथ भुगतान प्रक्रिया को भी प्राथमिकता दी जा रही है। अब तक 49 किसानों को कुल 57,31,392.77 रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है। भुगतान सीधे किसानों के खातों में किए जाने से पारदर्शिता बनी हुई है।
किसानों का कहना है कि समय पर भुगतान मिलने से उन्हें अगली फसल की तैयारी और घरेलू जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल रही है।
एमएसपी से मिल रहा उचित मूल्य
सरकार द्वारा इस वर्ष धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,450 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। यह मूल्य किसानों को उनकी मेहनत का उचित प्रतिफल दिलाने में सहायक साबित हो रहा है। बाजार में जहां कीमतों में उतार-चढ़ाव रहता है, वहीं एमएसपी पर खरीद किसानों के लिए सुरक्षा कवच का काम कर रही है।
प्रशासन और विभागों की संयुक्त निगरानी
धान खरीद प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन, आपूर्ति कार्यालय और सहकारिता विभाग लगातार निगरानी कर रहे हैं। क्रय केंद्रों पर व्यवस्थाओं, तौल प्रक्रिया और भुगतान प्रणाली पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि किसी प्रकार की शिकायत उत्पन्न न हो।
अधिकारियों का कहना है कि शिकायत निवारण और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नियमित समीक्षा बैठकें भी की जा रही हैं।
किसानों में उत्साह का माहौल
सरकारी पहल और प्रशासनिक सक्रियता के चलते जिले के किसानों में उत्साह देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में किसान लैंपसों तक पहुंचकर अपनी उपज बेच रहे हैं। इससे न केवल उन्हें उचित मूल्य मिल रहा है, बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रति विश्वास भी मजबूत हो रहा है।
न्यूज़ देखो: कृषि नीति का जमीनी असर
सिमडेगा में धान अधिप्राप्ति की प्रगति यह दर्शाती है कि यदि प्रशासनिक इच्छाशक्ति और निगरानी मजबूत हो, तो सरकारी योजनाएं जमीन पर असर दिखाती हैं। एमएसपी पर समय पर खरीद और भुगतान किसानों की आर्थिक सुरक्षा का आधार बन रहा है। हालांकि लक्ष्य अभी दूर है, ऐसे में आने वाले दिनों की व्यवस्था और भी महत्वपूर्ण होगी। क्या सभी किसानों तक यह सुविधा समान रूप से पहुंच पाएगी, यह देखने योग्य होगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
मजबूत किसान, मजबूत समाज
किसानों की आय सुरक्षित होगी तो गांव और शहर दोनों मजबूत होंगे। सरकारी योजनाओं की जानकारी लेकर उनका लाभ उठाना हर किसान का अधिकार है। पारदर्शी खरीद और समय पर भुगतान इस दिशा में बड़ा कदम है।

