![2025 2largeimg11 Feb 2025 130014190](https://i0.wp.com/newsdekho.co.in/media/2025/02/2025_2largeimg11_Feb_2025_130014190.jpg?resize=600%2C310&ssl=1?v=1739267615)
- धान का एमएसपी इस वर्ष 2300 रुपए किया गया, बावजूद इसके सिमडेगा में योजना पिछड़ी हुई है।
- पड़ोसी राज्य ओडिसा और छत्तीसगढ़ में धान की एमएसपी झारखंड से 700 रुपए अधिक है।
- किसान अपने धान को अधिक मूल्य पर बेचने के लिए सीधे ओडिसा और छत्तीसगढ़ जा रहे हैं।
- सिमडेगा के 23 लैंपसों में से अधिकांश धान अधिप्राप्ति में अपना योगदान कम कर रहे हैं।
- डीसी सिमडेगा ने लैंपसों को निर्देश दिए कि किसानों को जागरूक कर धान की खरीद बढ़ाएं।
- पड़ोसी राज्यों में अधिक एमएसपी के कारण सिमडेगा में धान अधिप्राप्ति की योजना प्रभावित हो रही है।
सिमडेगा में धान अधिप्राप्ति योजना की स्थिति
सिमडेगा जिले में इस वर्ष धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2300 रुपये निर्धारित किया गया है, लेकिन इसके बावजूद धान अधिप्राप्ति योजना अपेक्षित गति से नहीं चल रही है। इसका प्रमुख कारण पड़ोसी राज्यों, ओडिसा और छत्तीसगढ़ में धान की एमएसपी का अधिक होना है, जो झारखंड से 700 रुपये ज्यादा है। इसी वजह से सिमडेगा के किसान अपने धान को अधिक मूल्य पर बेचने के लिए इन राज्यों का रुख कर रहे हैं।
जिला प्रशासन की निरंतर कोशिशें
सिमडेगा जिला प्रशासन इस स्थिति से निपटने के लिए लगातार धान अधिप्राप्ति योजना की समीक्षा कर रहा है। जिला प्रशासन ने सभी लैंपसों को आदेश दिए हैं कि वे अधिक से अधिक धान खरीदने का प्रयास करें। डीसी अजय कुमार सिंह ने सभी लैंपसों को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों को जागरूक कर धान की खरीद बढ़ाएं। इसके अलावा, यदि कोई लैंपस योजना में पिछड़ता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लैंपसों की स्थिति
सिमडेगा जिले में कुल 23 लैंपस हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश लैंपस धान अधिप्राप्ति में नगण्य योगदान दिखा रहे हैं। इन लैंपसों में सक्रियता की कमी और पड़ोसी राज्यों से मिल रहे बेहतर कीमतों के कारण अधिप्राप्ति की योजना पर असर पड़ा है।
सिमडेगा और अन्य जिलों में चल रही धान अधिप्राप्ति योजना की ताजा जानकारी और सभी अपडेट्स के लिए जुड़ें रहें न्यूज़ देखो से।