पहलगांव आतंकी हमले पर भाकपा माले का तीखा विरोध: सरकार पर लापरवाही का आरोप

#जम्मूकश्मीर #आतंकीहमला – पुलवामा की याद दिलाने वाला हमला, केंद्र सरकार की नीतियों पर उठे सवाल

राजेश सिन्हा का बयान: केंद्र सरकार की नीतियां आतंक के लिए ज़िम्मेदार

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के वरिष्ठ नेता राजेश सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में हुए भीषण आतंकी हमले पर गहरी नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि यह हमला देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देने वाला है और इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर केंद्र सरकार की ढुलमुल आतंक विरोधी नीति पर जाती है।

“जिन्होंने देशवासियों को सुरक्षा देने की शपथ ली थी, वे धर्म के नाम पर देश को लड़वा रहे हैं, जबकि आतंकी योजनाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।”
राजेश सिन्हा

निर्दोषों की हत्या और पुलवामा की छाया

28 निर्दोष पर्यटकों की गोलीबारी में मौत ने देश को झकझोर कर रख दिया है। भाकपा माले ने इसे 2019 के पुलवामा हमले की याद दिलाने वाला कांड बताया और कहा कि आतंकियों ने एक बार फिर निहत्थे आम नागरिकों को निशाना बनाया।

पार्टी ने शोक संतप्त परिवारों को प्रत्येक को 20 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग रखी है और दोषियों को तत्काल सज़ा दिलाने की मांग की है।

पुलवामा से पहलगांव: अधूरी जांच और खोखला बदला?

राजेश सिन्हा ने कहा कि पुलवामा हमले की जांच आज तक पूरी नहीं हो सकी, और जब कभी इस पर सवाल उठता है, सरकार सर्जिकल स्ट्राइक की खबरें आगे कर देती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की इस कमजोरी ने आतंकी साजिशकर्ताओं को और साहसी बना दिया है

“जब तक पुलवामा जैसे हमलों की निष्पक्ष जांच नहीं होगी, तब तक पहलगांव जैसे हादसे होते रहेंगे।”
राजेश सिन्हा

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