
#सरयू #पंचायत_राज : PAI 1.0 की समीक्षा और 2.0 की रणनीति पर हुई सार्थक चर्चा
- सरयू प्रखंड कार्यालय परिसर में हुआ पंचायत राज उन्नति सूचकांक कार्यक्रम का सफल आयोजन।
- PAI 1.0 रिपोर्ट की समीक्षा और PAI 2.0 की रणनीति पर विस्तृत विचार-विमर्श।
- प्रखंड विकास पदाधिकारी आशा साहू समेत अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने भाग लिया।
- कार्यक्रम में सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने पर जोर।
- गरीबी में कमी, सामाजिक सशक्तिकरण और सतत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता।
सरयू प्रखंड में आयोजित पंचायत राज उन्नति सूचकांक कार्यक्रम ने न केवल पिछले प्रदर्शन की समीक्षा की बल्कि भविष्य की रणनीति पर भी स्पष्ट दिशा दी। अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों की भागीदारी ने यह साबित किया कि जमीनी स्तर पर सुशासन और विकास की दिशा में सामूहिक प्रयास ही सफलता की कुंजी है।
PAI 1.0 की समीक्षा और निष्कर्ष
गुरुवार को सरयू प्रखंड कार्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी आशा साहू की अगुवाई में प्रखंड स्तर के अधिकारी, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, मुखिया और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
कार्यक्रम का पहला चरण PAI 1.0 रिपोर्ट की समीक्षा को समर्पित था, जिसमें पंचायतों के कार्य प्रदर्शन का विश्लेषण किया गया। इसमें विकास योजनाओं की प्रगति, सेवा वितरण की गुणवत्ता और प्रशासनिक दक्षता पर चर्चा हुई।
PAI 2.0 की रणनीतिक दिशा
कार्यक्रम के दूसरे चरण में PAI 2.0 के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। इस रणनीति का उद्देश्य पंचायत स्तर पर स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के लिए ठोस कदम उठाना था। इसमें गरीबी में कमी, सामाजिक सशक्तिकरण और संस्थागत मजबूती को केंद्र में रखते हुए रणनीतिक निवेश की आवश्यकता पर बल दिया गया।
पंचायत स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही
कार्यक्रम में वक्ताओं ने जोर दिया कि पंचायत राज उन्नति सूचकांक पंचायतों में सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का एक प्रभावी साधन है। यह न केवल योजनाओं की प्रगति को मापता है बल्कि सुधार के अवसर भी प्रदान करता है।
एक पंचायत प्रतिनिधि ने कहा: “PAI हमें अपने कार्यों का निष्पक्ष मूल्यांकन करने और कमियों को दूर करने का अवसर देता है।”
ग्रामीणों और प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों और प्रतिनिधियों ने PAI को पंचायत स्तर पर सुधार का मील का पत्थर बताया। सभी ने इस पहल को आगे बढ़ाने और इसे स्थायी रूप से लागू करने पर सहमति जताई।
यह सामूहिक भावना दर्शाती है कि जब प्रशासन और जनता साथ मिलकर काम करते हैं, तो विकास की गति कई गुना बढ़ जाती है।
न्यूज़ देखो: जमीनी स्तर पर विकास का सशक्त मॉडल
सरयू प्रखंड का यह प्रयास दिखाता है कि विकास योजनाएं केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीन पर उतारने से ही असली बदलाव आता है। पंचायत राज उन्नति सूचकांक जैसे उपकरण प्रशासन और जनता के बीच विश्वास का सेतु बनते हैं।
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मिलकर बनाएं पंचायतों को आदर्श
अब समय है कि हम सभी पंचायत स्तर पर सुशासन और विकास की इस पहल को मजबूत करें। अपनी पंचायत में चल रही योजनाओं की जानकारी लें, सक्रिय रूप से भाग लें और इस बदलाव में योगदान दें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें ताकि जागरूकता फैले।