पलामू: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पहल ट्रस्ट ने किया विधवा महिलाओं का सम्मान

महिला सशक्तिकरण की ओर कदम

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पलामू के कोऑपरेटिव चौक स्थित माटी कला बोर्ड कार्यालय में पहल ट्रस्ट द्वारा विधवा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया, जहां अतिथियों ने समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया।

कार्यक्रम का उद्घाटन जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान, 20 सूत्री उपाध्यक्ष बिमला कुमारी, इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव शैलेन्द्र कुमार, सुबह की धूप पत्रिका के संस्थापक शिवशंकर प्रसाद समेत अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्वलन कर किया।

महिलाओं को मिला पुनर्विवाह और आत्मनिर्भरता का संदेश

“सरकार पुनर्विवाह के इच्छुक महिलाओं को 2 लाख रुपये का सहयोग प्रदान करती है। आप सभी इस योजना का लाभ अवश्य उठाएं।” – नीता चौहान, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी

बिमला कुमारी ने महिलाओं को शिक्षा और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि “बिना महिलाओं के कोई भी घर संपूर्ण नहीं हो सकता। उच्च शिक्षा प्राप्त कर पुरुषों से आगे बढ़ें और समाज को अपनी सफलता से जवाब दें।”

इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव शैलेन्द्र कुमार ने महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि विधवा होना कोई अभिशाप नहीं है। उन्होंने प्रेरित करते हुए कहा कि “समाज के नकारात्मक सोच से ऊपर उठकर अपने कार्यों से अपनी पहचान बनाएं।”

सम्मानित हुईं महिलाएं, प्रेरणादायक बातें साझा की गईं

कार्यक्रम के आयोजक पहल ट्रस्ट के अध्यक्ष अविनाश देव ने कहा कि “महिलाओं को रूढ़िवादी सोच का डटकर सामना करना होगा। समाज में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मुश्किलें आएंगी, लेकिन आत्मनिर्भरता ही उनका सशक्त जवाब होगा।”

“आप सड़क पर चलेंगी तो कोई तंज कसेगा, शुभ कार्यों से दूर रखा जाएगा, लेकिन आपको रुकना नहीं है।” – अविनाश देव, पहल ट्रस्ट अध्यक्ष

कार्यक्रम का संचालन शिक्षाविद आनंद कुमार ने किया, जबकि ललन प्रजापति और शिवशंकर प्रसाद ने भी अपनी विचार साझा किए। कार्यक्रम के अंत में विधवा महिलाओं को गिफ्ट और चादर देकर सम्मानित किया गया

‘न्यूज़ देखो’ की नज़र

महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में यह पहल प्रेरणादायक है। सवाल यह है कि क्या सरकार की योजनाएं सही लाभार्थियों तक पहुंच पा रही हैं? समाज में विधवा महिलाओं के प्रति सोच कब बदलेगी? ‘न्यूज़ देखो’ इस मुद्दे पर अपनी पैनी नज़र बनाए रखेगा, क्योंकि “हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र”

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