Palamau

पलामू बालिका गृह यौन शोषण मामला: डीसीआईओ और सीडब्ल्यूसी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई

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पलामू जिला मुख्यालय सूदना में स्थित बालिका गृह में यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने बड़े कदम उठाए हैं। पलामू के उपायुक्त ने बालिका गृह के प्रबंधन में शामिल अधिकारियों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है। उपायुक्त ने जिला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों और डीसीआईओ (जिला बाल संरक्षण अधिकारी) के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया है।

यह मामला तब सामने आया जब शुक्रवार को मानवाधिकार संगठन की टीम, जो बालिका गृह के कार्यों का निरीक्षण कर रही थी, ने वहां की निवासियों से बातचीत की। बच्चियों ने अपनी आपबीती साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि बालिका गृह के सुपरिटेंडेंट राम प्रताप गुप्ता ने उन्हें शारीरिक शोषण का शिकार बनाया। 72 वर्षीय राम प्रताप गुप्ता को बच्चियाँ “दादा जी” कहकर पुकारती थीं। दो बच्चियों ने राम प्रताप पर यौन शोषण का आरोप लगाया, जिसमें एक बच्ची ने बताया कि वह दीपावली और छठ के बीच दो बार आरोपी के घर भी गई थी, जहां उसने शोषण किया।

जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि आरोपी के अलावा, बालिका गृह की एक महिला कर्मी ने लड़कियों के कुछ आपत्तिजनक फोटो भी लिए थे, जिन्हें उसने बाहर भेजा। पुलिस ने जांच में पाया कि आरोप सही थे और इसके बाद सुपरिटेंडेंट और महिला काउंसलर को हिरासत में ले लिया गया।

घटना के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की। पलामू के उपायुक्त ने डीसीआईओ और सीडब्ल्यूसी के सभी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही, सदर एसडीओ सुलोचना मीणा द्वारा की गई जांच के आधार पर, अधिकारियों को दोषी पाया गया, जिनकी लापरवाही ने इस अपराध को संभव बनाया।

किस तरह से मामला सामने आया:
मानवाधिकार संगठन की टीम के निरीक्षण के दौरान बालिका गृह में रह रही बच्चियाँ अधिकारियों के सामने आईं और उन्होंने अपनी आपबीती बताई। बच्चियों ने कहा कि बालिका गृह से बाहर जाने के लिए उन्हें अधिकारियों को खुश करने की शर्तें दी गई थीं। जांच में यह भी पाया गया कि कई बच्चियाँ शारीरिक और मानसिक शोषण की शिकार हुई थीं। पुलिस ने सभी आरोपों की गंभीरता से जांच की और एक सप्ताह के भीतर आरोपी सुपरिटेंडेंट और महिला काउंसलर को गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले को लेकर प्रशासन ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और इसमें लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिलाधिकारी ने इस घटना की जांच में शामिल अधिकारियों को निलंबित कर दिया और आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया।

आगे की कार्रवाई:
पलामू पुलिस के मुताबिक, मामले की विस्तृत जांच जारी है और बालिका गृह के अन्य कर्मचारियों की भी जांच की जा रही है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि बालिका गृह जैसी संवेदनशील जगहों पर किसी भी प्रकार की लापरवाही या अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।

यह घटना बालिका गृहों में हो रही अनियमितताओं को लेकर एक गंभीर सवाल उठाती है, जिसमें बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा की आवश्यकता को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। अब प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी है कि वे इस मामले को सही तरीके से निपटाएं और सभी दोषियों को कड़ी सजा दिलवाएं।

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