पलामू: जमीन विवाद में घायल हुए पारा शिक्षक अर्जुन मेहता की गुरुवार रात इलाज के दौरान रांची के रिम्स अस्पताल में मौत हो गई। शुक्रवार को उनका शव उनके पैतृक गांव मंगर बांध, रांकी खुर्द पहुंचते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार और ग्रामीणों ने गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार रांकी कला के औरंगा नदी के तट पर कर दिया।
घटना का विवरण
दो अक्टूबर को अर्जुन मेहता और उनकी पत्नी चमेली देवी अपने खेत में जोत कोड़ का काम कर रहे थे, जब 10-15 की संख्या में कुछ लोग धारदार हथियारों से लैस होकर पहुंचे और उन पर हमला कर दिया। इस हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
इलाज के दौरान संघर्ष
घायल अवस्था में दोनों को तुंबागडा के नवजीवन अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद अर्जुन की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें मेदिनीनगर के नरायणा अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उनके सिर का ऑपरेशन किया गया, लेकिन हालत में सुधार न होने पर आठ दिन बाद उन्हें रांची के रिम्स अस्पताल रेफर किया गया, जहां गुरुवार की रात इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों – विनोद उरांव, रविंद्र उरांव और पुनिता देवी को गिरफ्तार कर चार अक्टूबर को जेल भेज दिया था। पुलिस जमीन विवाद को ही इस हत्या का मुख्य कारण मान रही है और मामले की जांच जारी है।
शोक व्यक्त
अर्जुन मेहता की मौत से उनके परिवार के साथ-साथ पूरे शिक्षक संघ में भी शोक की लहर है। सतबरवा प्रखंड के शिक्षक संघ के अध्यक्ष ललन साहू, पूर्व अध्यक्ष बिनोद चौधरी, शिक्षक गोविंद प्रसाद, विजय प्रसाद, मो. कैशर और संजय यादव ने गहरी संवेदना व्यक्त की है और घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
संवेदनाएं
शिक्षक समुदाय ने अर्जुन मेहता की असमय मृत्यु को एक बड़ी क्षति बताया और इस घटना से पूरे गांव में शोक का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और परिवार को इस कठिन समय में ढांढस बंधाया।