पलामू के नकुल विश्वकर्मा की मदद को आगे आए स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सकों की टीम भेजी गई घर

#पलामू_समाचार #संघर्ष_गाथा : बीमारी से लड़ते बेटे के लिए माँ मांग रही भीख, अब सरकारी मदद की उम्मीद जगी

सड़क दुर्घटना के बाद कोमा में, परिवार टूट चुका आर्थिक रूप से

नौडीहा बाजार, पलामू:
पलामू के खैरादोहर निवासी 35 वर्षीय नकुल विश्वकर्मा दो माह पूर्व एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हुटुकदाग के समीप बाइक अनियंत्रित होकर पत्थर से टकराई, जिससे सिर पर गहरी चोट आई।

पहले उन्हें छतरपुर अस्पताल और फिर सदर हॉस्पिटल डालटनगंज रेफर किया गया। हालत नाजुक होने के कारण रांची रिम्स में ICU में भर्ती किया गया। लेकिन 22 दिन तक इलाज के बाद भी नकुल को होश नहीं आया और उन्हें घर भेज दिया गया।

विधवा माँ कर रही दर-दर की गुहार

नकुल की माँ निर्मला कुवर, जो खुद एक विधवा हैं, घर-घर जाकर भीख मांगकर दवा का इंतजाम कर रही हैं।

“कभी कोई ₹10 देता है, तो कोई चावल… उसी से बेटे की दवा लाती हूँ,”
निर्मला कुवर

पत्नी पूजा देवी ने बताया कि उन्होंने पति के इलाज के लिए जमीन तक बेच दी, लेकिन कोई खास मदद नहीं मिली।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कई बार मदद की अपील की गई, पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
घर में पक्की छत भी नहीं है, और चावल के लिए भी भीख पर निर्भर हैं

मंत्री ने दिया सख्त निर्देश, हो बेहतर इलाज

इस हृदयविदारक मामले पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने संज्ञान लिया और सिविल सर्जन को तत्काल नकुल के घर भेजने का निर्देश दिया

“मैं खुद पूरे मामले की जानकारी ले रहा हूँ। यदि चिकित्सकों की सलाह हो, तो नकुल को मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज भेजा जाए,”
निर्देश दिया डॉ. इरफान अंसारी ने।

मदद की जरूरत, जनप्रतिनिधियों से अपील

यह मामला सरकार की संवेदनशीलता और जनप्रतिनिधियों की ज़िम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
एक बेटा को बचाने के लिए माँ और पत्नी जिस हाल में संघर्ष कर रही हैं, वह पूरे समाज के लिए शर्मनाक है।

परिजन ने बताया कि अब तक कोई ठोस आर्थिक सहायता नहीं मिली है।
नकुल के परिजन ने स्थानीय विधायक और सांसद से मदद की गुहार लगाई है।

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