पलामू, झारखंड: चैनपुर थाना क्षेत्र के सलतुआ गांव में अंधविश्वास के कारण एक महिला द्वारा अपने ही चचेरी गोतनी के आठ वर्षीय बेटे की हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस घटना में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है और बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
घटना का पूरा विवरण
सलतुआ गांव की सुनीता देवी (आरोपी महिला) का छह महीने का बेटा 28 नवंबर 2024 को बीमारी के कारण चल बसा था। बेटे की मौत के बाद सुनीता अंधविश्वास और ओझा के प्रभाव में आ गई। ओझा ने सुनीता को बताया कि उसकी चचेरी गोतनी ने जादू-टोना करके उसके बेटे को मारा है। इस अंधविश्वास के कारण सुनीता ने अपनी गोतनी के बेटे प्रेम कुमार सिंह (8) की हत्या करने की ठान ली।
हत्या की योजना और घटना
रविवार दोपहर, सुनीता ने प्रेम को टॉफी देने और घुमाने के बहाने अरहर के खेत ले गई। वहां, उसने प्रेम का गला दबाकर हत्या कर दी और शव को खेत में छोड़कर वापस घर आ गई।
खोजबीन और पुलिस की कार्रवाई
जब प्रेम शाम तक घर नहीं लौटा, तो उसके परिवार वालों ने खोजबीन शुरू की। ग्रामीणों ने बताया कि प्रेम को आखिरी बार सुनीता के साथ देखा गया था। पुलिस ने इस आधार पर सुनीता से पूछताछ की, जिसमें उसने हत्या की बात कबूल कर ली।
शव बरामद और पोस्टमार्टम
सुनीता की निशानदेही पर पुलिस ने बच्चे का शव अरहर के खेत से बरामद किया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
अंधविश्वास का काला सच
सुनीता के एक साल के बेटे की पांच दिन पहले बीमारी से मौत हो गई थी। सतबरवा में अपने रिश्तेदारों के पास जाने के दौरान वह एक ओझा के संपर्क में आई। ओझा ने उसे बताया कि उसकी चचेरी गोतनी की सास (बच्चे की दादी) ने टोना-टोटका कर उसके बेटे की जान ली है। इस दुष्प्रेरणा के कारण सुनीता ने मासूम प्रेम की हत्या कर दी।
थाना प्रभारी का बयान
चैनपुर थाना प्रभारी श्रीराम शर्मा ने बताया कि सुनीता देवी ने अंधविश्वास में आकर मासूम की हत्या की। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की पूरी जांच की जा रही है।
ग्रामीणों में रोष और अंधविश्वास का प्रभाव
इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। ग्रामीणों का कहना है कि अंधविश्वास के कारण हुई इस हत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन और पुलिस इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता फैलाने पर जोर दे रहे हैं।
समाज के लिए सबक
यह घटना बताती है कि अंधविश्वास और कुप्रथाओं के प्रभाव में आकर किस तरह निर्दोष लोगों की जान ली जा रही है। पुलिस और समाज को मिलकर इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।
(रिपोर्ट: पलामू ब्यूरो)