पलामू पुलिस ने साइबर ठगी के मास्टरमाइंड को दबोचा, बैंक खाते किराए पर देने का धंधा करता था

घटना के मुख्य बिंदु:

साइबर ठगी में गिरफ्तारी:

पलामू पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले में मुख्य आरोपी रंजीत मैती को गिरफ्तार किया है। रंजीत पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले के रुक्मणीपुर गांव का निवासी है और साइबर अपराधियों को भाड़े पर बैंक खाते मुहैया कराने का धंधा करता था। पुलिस की तकनीकी जांच में पता चला कि रंजीत ने जामताड़ा के कुख्यात साइबर ठगों के साथ मिलकर कई ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है।

ठगी की घटना का विवरण:

अक्टूबर 2023 में पलामू जिले के मेदिनीनगर में बैंक मैनेजर दिलीप कुमार दास से 23 लाख रुपये की साइबर ठगी की घटना हुई थी। इस ठगी में बड़ी राशि रंजीत के खाते में पहुंची, जिसमें 4.90 लाख रुपये सीधे तौर पर और अन्य माध्यमों से 1.5 लाख रुपये का लेनदेन हुआ।

पुलिस की कार्रवाई:

पलामू पुलिस की साइबर टीम ने तकनीकी अनुसंधान के आधार पर रंजीत का पता लगाया और पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। रंजीत ने स्वीकार किया कि वह साइबर अपराधियों को बैंक खाते, एटीएम और डेबिट कार्ड्स मुहैया कराता था। इन खातों का उपयोग साइबर ठगी के लिए किया जाता था।

जामताड़ा से संबंध:

पुलिस ने खुलासा किया कि रंजीत का सीधा संबंध जामताड़ा के कुख्यात साइबर अपराधियों अबू बकर और अरशद से है, जो ठगी के मास्टरमाइंड माने जाते हैं। पुलिस अब इन दोनों अपराधियों की गिरफ्तारी की दिशा में कार्रवाई कर रही है।

पुलिस का बयान:

डीएसपी राजेश यादव ने कहा, “हमने साइबर ठगी के मामलों में ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई की है। जनता से अपील है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।”

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