
हाइलाइट्स:
- पलामू प्रमंडल में 2,05,684 लाभुक अयोग्य पाए गए।
- पलामू में 95,684, गढ़वा में 70,000 और लातेहार में 40,000 नाम सूची से हटाए गए।
- अयोग्य लाभुकों में सरकारी कर्मियों की पत्नियां और संविदा कर्मियों के परिवार भी शामिल।
- सत्यापन के बाद राज्य सरकार ने अपात्र लाभुकों को हटाने का निर्देश दिया।
पलामू प्रमंडल में सामने आई गड़बड़ी
झारखंड सरकार द्वारा मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों का सत्यापन कार्य जारी है। इस प्रक्रिया में पलामू प्रमंडल में 2 लाख 5 हजार 684 लाभुकों को अयोग्य करार देकर सूची से हटा दिया गया।
पलामू जिले में 95,684 लाभुकों, गढ़वा में 70,000 लाभुकों और लातेहार में 40,000 लाभुकों के नाम योजना से हटा दिए गए हैं। राज्य सरकार ने तीनों जिलों के प्रशासन को यह जानकारी भेज दी है।
अयोग्य लाभुकों में कौन शामिल?
सत्यापन के दौरान सामने आया कि सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मियों की पत्नियों, संविदा कर्मियों और मानदेय पर कार्यरत कर्मचारियों के परिवारों ने भी इस योजना का लाभ लिया था।
“मंईयां सम्मान योजना का लाभ केवल उन महिलाओं को मिलना चाहिए जिनका या तो कोई आय स्रोत नहीं है या जिनके पति सरकारी सेवा में नहीं हैं। सत्यापन के बाद बड़ी संख्या में अयोग्य लाभुकों को हटाया गया है।” – प्रशासनिक अधिकारी।
गढ़वा और पलामू में सत्यापन के बाद घटे लाभुकों के आंकड़े
- पलामू जिले में दिसंबर में 3,72,937 लाभुकों को भुगतान हुआ था, लेकिन सत्यापन के बाद यह संख्या घटकर 2,77,253 रह गई।
- गढ़वा जिले में भी सत्यापन के बाद हजारों लाभुकों के नाम सूची से हटा दिए गए।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि आगे भी इस योजना में गड़बड़ी करने वालों की पहचान की जाए।
“यदि कोई अपात्र लाभुक योजना का लाभ उठाते पाया जाता है, तो उससे वसूली की जाएगी और भविष्य में कड़ी कार्रवाई भी संभव है।” – जिला प्रशासन।
‘न्यूज़ देखो’:
मंईयां सम्मान योजना में आई गड़बड़ियां प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल खड़े करती हैं। क्या सरकार अब इस योजना में पूरी पारदर्शिता ला पाएगी? जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ, क्योंकि “हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र!”