
#पलामू #शोक_समाचार : अधिवक्ता ललन पाण्डेय के निधन पर नेताओं और अधिवक्ताओं ने गहरी संवेदना व्यक्त की—सेवा, सरलता और समर्पण को याद किया
- ललन पाण्डेय, अध्यक्ष, पलामू कांग्रेस अधिवक्ता सेल का निधन, जिले में शोक की लहर।
- झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हृदयानंद मिश्र ने कहा—“एक सच्चा शुभचिंतक खो दिया।”
- पाण्डेय जी को कुशाग्र बुद्धि, सज्जनता और निशुल्क कानूनी सेवा के लिए जाना जाता था।
- सिमडेगा की सरकारी नौकरी छोड़कर पलामू में गरीबों और असहायों की मदद में जीवन समर्पित किया।
- 75 वर्षीय पाण्डेय मेदिनीनगर के निकटवर्ती जोड़ गांव के निवासी थे।
पलामू में कांग्रेस अधिवक्ता सेल के अध्यक्ष एडवोकेट ललन पाण्डेय के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है। सामाजिक और राजनीतिक दोनों ही वर्गों में उनके व्यक्तित्व और सेवा को अत्यंत सम्मान से याद किया जा रहा है। झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, झारखंड सरकार के सदस्य हृदयानंद मिश्र ने उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि पाण्डेय जी जैसे सहज, सरल और सौम्य व्यक्तित्व अब कम ही देखने को मिलते हैं।
“एक सच्चा शुभचिंतक खो दिया”—हृदयानंद मिश्र
शोक व्यक्त करते हुए हृदयानंद मिश्र ने कहा कि ललन पाण्डेय न केवल उनके शुभचिंतक थे, बल्कि एक वरिष्ठ सिविल मामलों के जानकार, कांग्रेस विचारधारा के प्रति समर्पित, और दर्दमंद इंसान थे।
उन्होंने बताया कि पाण्डेय जी पलामू जिला स्कूल में उनके सीनियर थे और पढ़ाई के समय से ही अपनी कुशाग्र बुद्धि और सादगी के लिए जाने जाते थे।
नौकरी छोड़कर समाज सेवा को चुना
हृदयानंद मिश्र ने बताया कि ललन पाण्डेय ने सिमडेगा हाई स्कूल में सरकारी शिक्षक की नौकरी छोड़ दी थी।
वह अपनी मातृभूमि पलामू लौटे और वकालत के माध्यम से गरीबों, वंचितों और असहायों को जीवनभर निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करते रहे।
उनका मानना था कि वकालत केवल पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम है।
अधिवक्ता समाज में भी सम्मानित नाम
पलामू जिला अधिवक्ता संघ और कांग्रेस संगठन में भी ललन पाण्डेय अपनी सज्जनता, ईमानदारी, और निस्वार्थ सेवा भावना के कारण बेहद सम्मानित थे।
सहकर्मी अधिवक्ताओं का कहना है कि पाण्डेय जी जैसे शांत, समर्पित और सौम्य स्वभाव के लोग संस्था की आत्मा हुआ करते हैं।
75 वर्ष की आयु में निधन, जोड़ गांव के निवासी
75 वर्षीय एडवोकेट ललन पाण्डेय मेदिनीनगर के निकटवर्ती जोड़ गांव के निवासी थे।
उनकी विदाई से न केवल कांग्रेस परिवार, बल्कि पूरा अधिवक्ता समुदाय और ग्रामीण समाज शोक में डूबा हुआ है।
न्यूज़ देखो: वकालत से समाज सेवा की मिसाल
ललन पाण्डेय की जीवन यात्रा बताती है कि समाज सेवा के लिए पद या परिस्थिति नहीं, बल्कि संकल्प की जरूरत होती है। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर गरीबों के लिए कानून को हथियार बनाया और जीवनभर निःस्वार्थ सेवा दी। आज ऐसी शख्सियत की कमी पलामू महसूस कर रहा है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रेरक विरासत—सेवा का रास्ता हमेशा रोशन रहता है
ललन पाण्डेय जैसा जीवन हमें प्रेरित करता है कि समाज के लिए कुछ करने का जज़्बा कभी नहीं मरना चाहिए।
उनकी सादगी, त्याग और सेवा भावना युवाओं के लिए आदर्श है।
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