
#पलामू #खेलोझारखंड : विश्रामपुर ने बालक वर्ग में और छतरपुर ने बालिका वर्ग में जीती ट्रॉफी
- जिला स्तरीय U-19 फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन सहोदय विद्यालय, चैनपुर के मैदान में हुआ।
- विश्रामपुर टीम ने बालक वर्ग में चैनपुर को 1-0 से हराकर खिताब जीता।
- छतरपुर बालिका टीम ने सदर को 3-0 से हराकर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
- विजेता टीमें अब 18 सितंबर को रामगढ़ में आयोजित स्टेट लेवल प्रतियोगिता में भाग लेंगी।
- विजेताओं को ट्रॉफी, मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
पलामू जिले में खेलो झारखंड अभियान के तहत आयोजित U-19 फुटबॉल प्रतियोगिता ने खिलाड़ियों और दर्शकों में उत्साह का माहौल पैदा कर दिया। 16 सितंबर 2025 को सहोदय विद्यालय, चैनपुर के खेल मैदान में धूमधाम से हुई इस प्रतियोगिता का उद्घाटन एपीओ पलामू उज्ज्वल मिश्रा और मनोज मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया।
बालक वर्ग का रोमांचक मुकाबला
बालक वर्ग में विश्रामपुर और चैनपुर के बीच जोरदार मुकाबला हुआ। दोनों टीमों ने शानदार खेल भावना दिखाई, लेकिन अंततः विश्रामपुर ने 1-0 से जीत दर्ज की और ट्रॉफी अपने नाम की। दर्शकों ने खिलाड़ियों के जज़्बे और कौशल पर जमकर तालियाँ बजाईं।
बालिका वर्ग में छतरपुर का दबदबा
बालिका वर्ग में छतरपुर और सदर की टीमें आमने-सामने रहीं। छतरपुर की टीम ने शुरुआत से ही बढ़त बनाते हुए बेहतरीन खेल दिखाया और 3-0 से एकतरफा जीत दर्ज कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। छतरपुर की बालिकाओं की जीत ने साबित कर दिया कि खेल में लड़कियाँ भी किसी से पीछे नहीं।
स्टेट लेवल के लिए तैयारी
विजेता टीमों को अब रामगढ़ में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलेगा। दोनों टीमें 18 सितंबर को पलामू से रवाना होंगी। खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों ने विश्वास जताया कि वे जिले का नाम राज्य स्तर पर भी रोशन करेंगे।
सम्मान और प्रोत्साहन
विजेता खिलाड़ियों को रामगढ़ विद्यालय के प्राचार्य आलोक दुबे और पलामू ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव संजय त्रिपाठी ने ट्रॉफी, मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर खिलाड़ियों के चेहरों पर गर्व और उत्साह झलक रहा था।
आयोजन में शिक्षकों और रेफरी की भूमिका
प्रतियोगिता को सफल बनाने में जिले के शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की अहम भूमिका रही। साकेत शुक्ला, अरविंद दुबे, अविनाश कुमार, अनुपम तिवारी, बिगु रम, भरत रजक, श्रीकांत सिंह, प्रदीप मेहता, विनोद यादव सहित कई शिक्षकों ने आयोजन को सुचारू बनाने में सहयोग किया।
रेफरीशिप की जिम्मेदारी मोहम्मद इदरीश और उनकी टीम ने निभाई, जिन्होंने खेल को पूरी निष्पक्षता और खेल भावना के साथ संचालित किया। उनकी भूमिका की खिलाड़ियों और दर्शकों ने सराहना की।
युवाओं में जोश और आत्मविश्वास
यह प्रतियोगिता केवल खेल तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने युवाओं में अनुशासन, टीम वर्क और आत्मविश्वास का नया संचार किया। खिलाड़ियों ने साबित कर दिया कि झारखंड की युवा पीढ़ी खेलकूद में अपनी पहचान बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
न्यूज़ देखो: खेल ही भविष्य की पहचान
खेलो झारखंड फुटबॉल प्रतियोगिता ने यह दिखाया कि पलामू के युवा खिलाड़ी अवसर मिलने पर बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर सकते हैं। ऐसी प्रतियोगिताएँ न केवल खेल प्रतिभा को निखारती हैं, बल्कि समाज में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और अनुशासन की भावना भी जगाती हैं।
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खेल भावना से बनेगा सशक्त समाज
खेल केवल जीत-हार का नाम नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच है जो भाईचारे, सहयोग और अनुशासन को बढ़ावा देता है। आइए हम सब अपने बच्चों और युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। अपनी राय कॉमेंट करें और खबर को दोस्तों के साथ साझा करें ताकि पलामू के खिलाड़ियों का हौसला और भी बढ़े।