
#गढ़वा #सुब्रतो_कप_2025 : 64वीं सुब्रतो कप अंडर-17 बालिका फुटबॉल टूर्नामेंट का फाइनल रोमांचक मुकाबला — पलामू टीम बनी चैंपियन, गढ़वा को हराया 3-0 से, शिक्षा पदाधिकारियों ने बढ़ाया उत्साह
- पलामू ने फाइनल में गढ़वा को 3-0 से दी मात
- 6 अंकों के साथ पलामू ने राउंड रोबिन में रखा दबदबा
- गढ़वा पहली बार बना प्रमंडल स्तरीय टूर्नामेंट का मेज़बान
- खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया पदाधिकारियों द्वारा
- शिक्षा और खेल में बालिकाओं की भागीदारी को सराहा गया
पलामू की बालिका टीम ने दिखाया दम, गढ़वा को हराकर जीता फाइनल
गढ़वा में आयोजित प्रमंडल स्तरीय 64वीं सुब्रतो कप अंडर-17 बालिका फुटबॉल प्रतियोगिता में पलामू जिले की टीम ने गढ़वा को 3-0 से हराकर चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में पलामू की खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गढ़वा को पूरी तरह मात दी।
जिला शिक्षा अधीक्षक अनुराग मिंज और एपीओ सह खेल पदाधिकारी कुलदीपक अग्रवाल ने विजेता टीम को ट्रॉफी एवं पुरस्कार प्रदान कर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।
राउंड रोबिन में भी पलामू का रहा दबदबा
फाइनल से पहले हुए राउंड रोबिन लीग में पलामू ने लातेहार को 2-0 और गढ़वा को 1-0 से हराते हुए पूरे 6 अंक हासिल किए। वहीं गढ़वा ने लातेहार को 1-0 से हराकर 3 अंकों के साथ फाइनल में अपनी जगह बनाई।
बालिकाओं ने खेल में दिखाई प्रतिभा
जिला शिक्षा अधीक्षक अनुराग मिंज ने कहा:
“पलामू की बालिकाओं ने अपने खेल कौशल से यह साबित किया है कि वे खेल के हर क्षेत्र में आगे हैं। राज्य स्तर पर भी इनके शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है।”एपीओ कुलदीपक अग्रवाल ने कहा:
“गढ़वा में पहली बार आयोजित प्रमंडल स्तरीय सुब्रतो कप गर्व की बात है। इस आयोजन से खिलाड़ियों को मंच और अवसर दोनों मिल रहे हैं।”
बेटियां पीछे नहीं – शिक्षा व खेल दोनों में आगे
प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी रंभा चौबे ने कहा कि बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उन्होंने बालिकाओं के आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
न्यूज़ देखो: बेटियों की जीत, गर्व का पल
न्यूज़ देखो मानता है कि बालिका खिलाड़ियों की यह उपलब्धि समाज को प्रेरणा देती है। खेल के माध्यम से बेटियां नई ऊंचाइयों को छू रही हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
खेल में बेटियों की चमक, जिले का बढ़ाया मान
पलामू की जीत नारी सशक्तिकरण और खेल संस्कृति दोनों का परिचायक है। आइए इस जीत को साझा करें और हर बेटी को उसका मंच दें।