Giridih

पंचायत सचिव ने की आत्महत्या की कोशिश, वायरल सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप

#गिरिडीह #डुमरीपंचायतसचिव — बलथरिया पंचायत के सचिव ने वाट्सऐप पर साझा किया सुसाइड नोट, हालत गंभीर, धनबाद रेफर
  • पंचायत सचिव सुखलाल महतो ने सल्फास खाकर आत्महत्या की कोशिश की
  • सुसाइड नोट में बीडीओ समेत पांच अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप
  • घटना के बाद डुमरी रेफरल अस्पताल से धनबाद रेफर किया गया सचिव को
  • सचिव ने विधायक और मीडिया को पत्र लिख कर जताई आखिरी इच्छा
  • घटना से क्षेत्र में हड़कंप, जिला प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग

वायरल सुसाइड नोट से मचा हड़कंप

गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड अंतर्गत बलथरिया पंचायत के पंचायत सचिव सुखलाल महतो द्वारा एक सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल होते ही सनसनी फैल गई।
कुलगो उत्तरी के निवासी सुखलाल महतो ने आरोप लगाया कि उन्हें डुमरी प्रखंड के विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिससे तंग आकर उन्होंने 13 जून 2025 को सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की।

सल्फास खाने के बाद बिगड़ी हालत, रेफर किए गए धनबाद

घटना की जानकारी मिलते ही सुखलाल महतो को तत्काल डुमरी रेफरल अस्पताल लाया गया, लेकिन हालत नाजुक होने के कारण उन्हें बेहतर इलाज के लिए धनबाद मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है।
चिकित्सकों के अनुसार उनकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।

सुसाइड नोट में लगाए गए ये गंभीर आरोप

सुखलाल महतो ने अपने पत्र में पांच लोगों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है:

  1. हमरी श्रीमीत — प्रखंड विकास पदाधिकारी, डुमरी
  2. अजय कुमार — पीएमएवाई बीसी, डुमरी
  3. अनिल कुमार — रोजगार सेवक, बलथरिया पंचायत
  4. प्रमेेश्वर नायक — मुखिया पति, बलथरिया पंचायत
  5. अन्य अधिकारी — जिन पर व्यक्तिगत तौर पर नाम लेकर आरोप लगाए गए हैं

उन्होंने आरोप लगाया कि बैठकों में उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया, ‘तेरे-मेरे’ जैसी भाषा का प्रयोग हुआ, और मनमाने ढंग से कार्य बाधित कर मानसिक उत्पीड़न किया गया।

विधायक और मीडिया को भी भेजा पत्र

सचिव ने डुमरी के माननीय विधायक को संबोधित करते हुए सुसाइड नोट में लिखा कि उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी प्रशासन ले
साथ ही पत्र की प्रतिलिपि मीडिया और पत्रकारों को भी भेजी गई, जिससे यह स्पष्ट है कि घटना पूर्व नियोजित थी और मानसिक स्थिति गंभीर थी।

न्यूज़ देखो: व्यवस्था में व्याप्त तनाव का दर्दनाक चेहरा

एक सरकारी कर्मचारी का आत्महत्या जैसा कदम उठाना सिस्टम की संवेदनहीनता को उजागर करता है।
यदि पंचायत सचिव जैसा अधिकारी, जो शासन व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, मानसिक उत्पीड़न के कारण यह कदम उठाता है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
न्यूज़ देखो जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मांग करता है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष और तेज़ जांच की जाए
और अगर आरोप सही पाए जाएं तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

कर्मचारियों के लिए गरिमापूर्ण कार्य वातावरण जरूरी

हर सरकारी कर्मी को सम्मान, सुरक्षा और मानसिक शांति के साथ काम करने का हक है।
इस घटना से सीख लेते हुए सिस्टम को आत्ममंथन करना चाहिए और ऐसा तंत्र विकसित करना चाहिए जिसमें कर्मचारियों की शिकायतों को गंभीरता से सुना जाए।
आप इस घटना को लेकर क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट करें, लेख को रेट करें और इसे उन दोस्तों और परिजनों से साझा करें जो व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता महसूस करते हैं।

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