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गिरिडीह में एक बार फिर भू-धंसान से दहशत, नेशनल हाईवे-114A पर फिर बनी गोफ

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#गिरिडीह #भूधंसानकाखतरा : गिरिडीह स्टेडियम के पास सीसीएल स्कूल बगल में फिर धंसी जमीन — सालों से हो रही घटना से नागरिकों में डर, समाधान की मांग तेज
  • नेशनल हाईवे-114A किनारे गिरिडीह स्टेडियम और बिट्टा गढ़ा के बीच बनी नई गोफ
  • पिछले 15 वर्षों से लगातार इसी क्षेत्र में भू-धंसान की घटनाएं
  • सीसीएल स्कूल के पास जमीन के नीचे कोयले के अवैध खनन से हो रही समस्या
  • सीसीएल अधिकारियों के निर्देश पर शुरू हुआ गड्ढा भरने का कार्य
  • स्थानीय लोग बोले—समाधान नहीं हुआ तो हो सकता है बड़ा हादसा

देर शाम फिर धंसी जमीन, हाईवे किनारे उभरी गहरी गोफ

गिरिडीह जिले के डुमरी से रामपुर हाट की ओर जाने वाली नेशनल हाईवे-114A पर शुक्रवार की देर शाम भू-धंसान की एक और घटना घटी। यह हादसा बिट्टा गढ़ा और गिरिडीह स्टेडियम के बीच हुआ, जहां एक गहरी गोफ बन गई। सूचना मिलते ही सीसीएल गिरिडीह परियोजना पदाधिकारी गोपाल सिंह मीणा के निर्देश पर तत्काल गड्ढा भरने का कार्य शुरू किया गया।

स्कूल, थाना और मुख्य मार्ग से सटी है धंसी हुई जगह

घटना स्थल सीसीएल डीएवी पब्लिक स्कूल के बगल में है और महज 500 मीटर की दूरी पर मुफ्फसिल थाना भी स्थित है। इस संवेदनशील स्थान पर बार-बार भू-धंसान से स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों में भय का माहौल है। गोफ का बनना न सिर्फ यातायात को बाधित करता है बल्कि जनहानि का खतरा भी लगातार मंडरा रहा है।

हर साल बरसात में धरती क्यों समा जाती है?

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 15 सालों से इसी इलाके में भूमि धंसने की घटनाएं हो रही हैं। बीते वर्ष तो पूरी सड़क ही धंस गई थी। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि नेशनल हाईवे विभाग और जिला प्रशासन इस स्थायी खतरे को लेकर गंभीर नहीं है।

स्थानीय नागरिक रमेश यादव ने कहा: “हमारे बच्चे इसी रास्ते से स्कूल जाते हैं, हर साल बरसात के समय हमें डर बना रहता है कि कब क्या हो जाए। अब प्रशासन को स्थायी समाधान करना ही होगा।”

अवैध खनन बन रहा है गहराता कारण

जानकारी के अनुसार, इस भू-धंसान के पीछे का सबसे बड़ा कारण है वर्षो से चला आ रहा अवैध कोयला खनन। क्षेत्र में लंबे समय से चोरों द्वारा अंडरग्राउंड कोयले का उत्खनन किया जाता रहा है। इससे जमीन खोखली होती चली गई और अब हर साल बरसात में गहरी दरारें या गोफ बन जाती हैं।

सीसीएल अधिकारी ने बताया: “हमें सूचना मिलते ही टीम मौके पर भेजी गई और निर्देशानुसार गोफ को पत्थर डालकर भरा जा रहा है। हम स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।”

कब होगा स्थायी समाधान?

बार-बार की घटना से स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। नागरिकों ने मांग की है कि नेशनल हाईवे प्राधिकरण को अब गंभीर होकर सर्वे कर स्थायी इंजीनियरिंग समाधान करना चाहिए। अन्यथा किसी दिन किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।

न्यूज़ देखो: बार-बार की घटना, लेकिन नहीं दिखती तैयारी

‘न्यूज़ देखो’ इस खबर के माध्यम से फिर यह उजागर करता है कि कैसे बार-बार भू-धंसान जैसी घटनाएं होने के बावजूद प्रशासन और संबंधित एजेंसियां सिर्फ लीपापोती कर रही हैं। जब एक ही स्थान पर लगातार गोफ बनती हो, तो यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि आगाह करती एक आपदा है। क्या इंतज़ार है किसी जानमाल की क्षति का? गिरिडीह प्रशासन और नेशनल हाईवे को अब जवाबदेही तय करनी होगी।

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