
#गढ़वा – इस सप्ताह ‘कॉफी विद एसडीएम’ में बुलाए गए पारंपरिक वाद्य कलाकार
- एसडीएम संजय कुमार ने पारंपरिक ढोल-वादकों को बुलाया संवाद हेतु।
- बढ़ती तकनीक से घट रही मांग, आजीविका संकट पर होगी चर्चा।
- 2 अप्रैल को अनुमंडल कार्यालय में बैठक, प्रशासनिक मदद के उपाय तलाशे जाएंगे।
- सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी।
वाद्य कलाकारों की समस्याओं पर होगी विस्तृत चर्चा
गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने इस सप्ताह ‘कॉफी विद एसडीएम’ कार्यक्रम में क्षेत्र के पारंपरिक वाद्य कलाकारों को आमंत्रित किया है।
ढोल, नगाड़ा, मांदर जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों से जीविका चलाने वाले कलाकारों की घटती मांग को लेकर संवाद एवं समाधान तलाशने का प्रयास किया जाएगा।
बदलते समय में घट रही पारंपरिक वाद्यों की मांग
एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कई परिवार पीढ़ियों से ढोल-नगाड़ा बजाकर अपनी आजीविका चला रहे हैं, लेकिन आधुनिक संगीत और डीजे कल्चर के बढ़ते प्रभाव से उनकी मांग कम हो रही है।
यह संकट इन कलाकारों के रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। इसी विषय पर चर्चा के लिए उन्हें 2 अप्रैल, बुधवार सुबह 11 बजे अनुमंडल कार्यालय में आमंत्रित किया गया है।
“हमारा प्रयास रहेगा कि इन कलाकारों की समस्याओं को समझकर उन्हें प्रशासनिक स्तर पर हरसंभव सहायता प्रदान की जाए।” – संजय कुमार, एसडीएम, गढ़वा
जनकल्याणकारी योजनाओं की भी मिलेगी जानकारी
इस अनौपचारिक संवाद कार्यक्रम के दौरान सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी, जिससे पारंपरिक कलाकारों को रोजगार के नए अवसर मिल सकें।
एसडीएम ने अनुमंडल क्षेत्र के सभी वाद्य कलाकारों से अनुरोध किया कि वे 2 अप्रैल को कार्यक्रम में अवश्य भाग लें और अपनी समस्याएं व सुझाव साझा करें।
‘कॉफी विद एसडीएम’ से मिल रही प्रशासनिक मदद
‘कॉफी विद एसडीएम’ कार्यक्रम को शुरू हुए 17 सप्ताह हो चुके हैं, जिसमें विभिन्न वर्गों के लोगों को बुलाकर उनकी समस्याओं को सुना और हल निकाला गया।
यह पहल प्रशासन और आम जनता के बीच सीधे संवाद का माध्यम बनी है।
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क्या प्रशासन की यह पहल वाद्य कलाकारों की जीविका को बचाने में मददगार होगी?
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