
#डुमरी #शिक्षा : प्रखंड प्रमुख जीवन्ती एक्का ने कहा अभिभावक और शिक्षक का समन्वय ही बच्चों के सर्वांगीण विकास की कुंजी
- कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय डुमरी में अभिभावक शिक्षक बैठक का आयोजन।
- प्रखंड प्रमुख जीवन्ती एक्का कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं।
- बैठक में विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, छात्राएं और अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
- चर्चा में शैक्षणिक प्रदर्शन, स्वास्थ्य, अनुशासन, पोषण और परिवहन व्यवस्था पर फोकस किया गया।
- जीवन्ती एक्का ने व्यावसायिक शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया।
डुमरी प्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में शनिवार को अभिभावक शिक्षक बैठक का आयोजन उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। बैठक में प्रखंड प्रमुख जीवन्ती एक्का बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहीं। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य, सभी शिक्षकगण, छात्राएं और उनके अभिभावक बड़ी संख्या में शामिल हुए।
अभिभावक और शिक्षक का समन्वय
अपने संबोधन में जीवन्ती एक्का ने कहा कि अभिभावक और शिक्षक के बीच निरंतर संवाद बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभिभावक शिक्षक बैठक केवल औपचारिकता नहीं बल्कि बच्चों के समग्र विकास का मंच होना चाहिए। ऐसी बैठकों में बच्चों के शैक्षणिक स्तर के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य, अनुशासन और मानसिक विकास पर भी गंभीर चर्चा होनी चाहिए।
नियमित पी.टी.एम की आवश्यकता
प्रखंड प्रमुख ने कहा कि अभिभावक शिक्षक बैठक (पी.टी.एम) को एक नियमित प्रक्रिया के रूप में अपनाना होगा। नियमित बैठक से बच्चों की शिक्षा प्रणाली सशक्त होगी और अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
चर्चा के मुख्य बिंदु
बैठक में बालिकाओं के शैक्षणिक प्रदर्शन, स्वास्थ्य, अनुशासन, स्कूल में उपस्थित समस्याएं, घर से स्कूल आने-जाने की व्यवस्था और पोषण पर विस्तार से चर्चा की गई। अभिभावकों ने सुझाव दिया कि विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों की सामाजिक और नैतिक शिक्षा पर भी विशेष जोर दिया जाए।
व्यावसायिक शिक्षा पर बल
जीवन्ती एक्का ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगी। इससे उन्हें स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित किया जा सकता है और भविष्य में रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री पाना नहीं बल्कि जीवन कौशल और आत्मनिर्भरता विकसित करना होना चाहिए।
सहयोग और सहभागिता का आह्वान
कार्यक्रम के अंत में जीवन्ती एक्का ने सभी अभिभावकों और शिक्षकों से आह्वान किया कि वे मिलकर एक सकारात्मक वातावरण तैयार करें, जिससे बालिकाओं का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि समाज और परिवार के सहयोग से ही शिक्षा के लक्ष्य पूरे किए जा सकते हैं।
न्यूज़ देखो: बच्चों का भविष्य समाज की जिम्मेदारी
यह बैठक दर्शाती है कि शिक्षा केवल विद्यालय की जिम्मेदारी नहीं बल्कि पूरे समाज की है। जब अभिभावक, शिक्षक और प्रशासन मिलकर प्रयास करते हैं तो बच्चों के सर्वांगीण विकास की राह आसान हो जाती है।
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मिलकर बदलें शिक्षा का वातावरण
अब समय है कि हम सब मिलकर शिक्षा को जीवनमूल्य और आत्मनिर्भरता से जोड़ें। आप भी अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि समाज में जागरूकता फैले और बालिकाओं के लिए सुरक्षित व सशक्त भविष्य तैयार हो।