
#गढ़वा #कॉफीविदएसडीएम : सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को बनाया गया प्रशासनिक संवाद का माध्यम
- एसडीएम संजय कुमार के खुले आमंत्रण पर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और समाजसेवी हुए शामिल
- सड़क, बिजली, ट्रैफिक और डिवाइडर जैसे जमीनी मुद्दों पर हुई गंभीर चर्चा
- यूट्यूबर राजाराम ने सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार का लिया संकल्प
- दौलत सोनी ने ऑन द स्पॉट चालान और ट्रैफिक सुविधा सुधारने का दिया सुझाव
- प्रतिभागियों ने कहा – हर मंगलवार अब कॉफी विद एसडीएम का रहता है इंतज़ार
लगातार संवाद से मजबूत हो रहा है प्रशासन और समाज का रिश्ता
गढ़वा सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा आयोजित “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम का आयोजन आज पूर्व निर्धारित समय पर सफलता के साथ किया गया। कार्यक्रम में जिले के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स, यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। लगातार बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में प्रतिभागी इस संवाद में पहुंचे।
इस संवाद का उद्देश्य प्रशासन और नागरिकों के बीच सेतु बनाना, सामाजिक मुद्दों पर खुले मंच से संवाद करना, और विकास योजनाओं पर सकारात्मक सुझाव प्राप्त करना रहा।
सोशल मीडिया एक्टिविस्ट बनेगा प्रशासन का सहयोगी चेहरा
एसडीएम संजय कुमार ने प्रतिभागियों से कहा कि सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम है जिसका उपयोग जनजागरूकता, कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार और सकारात्मक बदलाव के लिए किया जा सकता है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्टिविस्ट्स को सुझाव दिया कि वे प्रशासन और जनता के बीच पुल का काम करें, स्थानीय भाषा और शैली में योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुँचाएं और यदि किसी स्तर पर दूरी या खामी दिखे, तो उसे ईमानदारी और निष्पक्षता से उजागर करें।
एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “गढ़वा के समाजसेवी जैसे जमीनी कार्य में सहयोग करते हैं, वैसे ही सोशल मीडिया के लोग ऑनलाइन माध्यम से भी प्रशासनिक सहभागिता निभाएं।”
ट्रैफिक, डिवाइडर और बिजली बिल पर उठे सवाल
युवा समाजसेवी दौलत सोनी ने ट्रैफिक चेकिंग के दौरान आने वाली परेशानियों को साझा करते हुए कहा कि अक्सर जरूरी काम से आने वाले लोग परेशान होते हैं जब उनकी गाड़ी जब्त कर ली जाती है। उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों से ऑन द स्पॉट चालान लेकर गाड़ी लौटाई जाए और बिना हेलमेट पकड़े गए लोगों को हेलमेट लाने पर ही मोटरसाइकिल उन्हें सौंपा जाए।
वहीं मेन रोड पर मोहर्रम के समय हटाए गए डिवाइडर्स को पुनः लगाए जाने की मांग समाजसेवियों ने रखी। सुझाव दिया गया कि स्थायी डिवाइडर्स बनाना ज्यादा लाभकारी होगा।
बिजली बिल के मसले पर कई लोगों ने कहा कि बिना रीडिंग के बिल आ रहा है, जो वास्तविक उपभोग से मेल नहीं खाता। इस पर जांच की मांग की गई।
यूट्यूबर राजाराम ने दिया प्रशासनिक मुहिम को सपोर्ट
गढ़वा के यूट्यूबर राजाराम प्रसाद, जिनके चैनल पर 37 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं, उन्होंने कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम में शिरकत की और भरोसा दिलाया कि वह सरकारी योजनाओं और प्रशासन की सकारात्मक पहलों को अपने चैनल के माध्यम से जनता तक पहुँचाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे कॉफी विद एसडीएम की कवरिंग नियमित रूप से करेंगे ताकि जनता को प्रशासनिक प्रयासों की जानकारी मिलती रहे।
मंगलवार का इंतज़ार और गुरुवार की तलाश
हर्ष अग्रवाल और अमित कश्यप ने कहा कि यह कार्यक्रम अब गढ़वा में काफी लोकप्रिय हो चुका है। हर मंगलवार को लोगों में उत्सुकता रहती है कि इस बार कौन आमंत्रित हुआ, और गुरुवार को लोग अखबारों में देखते हैं कि किसने क्या मुद्दा उठाया। यह प्रशासनिक पारदर्शिता का अच्छा उदाहरण बनता जा रहा है।
युवाओं ने रखे जनहित के मुद्दे
कार्यक्रम में कई जनसमस्याएं रखी गईं – बाजार समिति में अव्यवस्था, ट्रैफिक जाम, अस्पताल की कमी, और जलजमाव जैसे विषयों पर खुली चर्चा हुई। एसडीएम संजय कुमार ने आश्वस्त किया कि इन मुद्दों पर शीघ्र कार्यवाही की जाएगी।



न्यूज़ देखो: संवाद से शुरू होती है समाधान की दिशा
‘न्यूज़ देखो’ मानता है कि “कॉफी विद एसडीएम” जैसे संवाद कार्यक्रम प्रशासनिक नवाचार का बेहतरीन उदाहरण हैं, जहाँ आम नागरिक अपनी बात सीधे प्रशासन तक पहुंचा सकता है। गढ़वा जैसे जिले में यह पारदर्शिता और सहभागिता का अद्वितीय प्रयोग है। संवाद से ही समाधान निकलता है — और यह प्रयास निश्चित ही एक उत्तरदायी प्रशासन और सजग समाज के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सकारात्मक बदलाव का सहभागी बनें
आप भी अपने क्षेत्र की समस्याओं को सकारात्मक नजरिए और सहयोगी भावना के साथ आगे लाएं। इस खबर को अपने सोशल मीडिया, दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें, ताकि और लोग भी “कॉफी विद एसडीएम” जैसे आयोजनों से जुड़ें और जनहित में भागीदारी निभाएं।