
#बानो #आरएसएस100साल : बानो प्रखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से रायकेरा उच्च विद्यालय तक पथ संचलन का आयोजन किया गया।
- पथ संचलन कार्यक्रम सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, मरानी से रायकेरा उच्च विद्यालय तक।
- कार्यक्रम आरएसएस के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित।
- गुमला विभाग प्रचारक शमी जी, जिला शारीरिक प्रमुख संदीप जी सहित कई पदाधिकारी और स्वयंसेवक उपस्थित।
- उच्च विद्यालय रायकेरा में शस्त्र पूजन और बौद्धिक विचार साझा किए गए।
- कार्यक्रम में सैकड़ों स्वयंसेवकों ने भाग लिया और राष्ट्रीय सेवा और संस्कार की भावना को प्रोत्साहित किया।
बानो प्रखंड के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर मरानी से हुरदा होते हुए रायकेरा उच्च विद्यालय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का पथ संचलन सोमवार को आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया, जिसमें क्षेत्र के कई स्वयंसेवक और पदाधिकारी शामिल हुए।
कार्यक्रम में प्रमुख गतिविधियां और संदेश
कार्यक्रम में गुमला विभाग के विभाग प्रचारक शमी जी, जिला शारीरिक प्रमुख संदीप जी, विहिप के पदाधिकारी, बानो खंड कार्यवाह नरेंद्र जी, रायकेरा शाखा के मुख्य शिक्षक धनेश जी के साथ सैकड़ों स्वयंसेवकों ने भाग लिया। रायकेरा उच्च विद्यालय के मैदान में सभी ने शस्त्र पूजन किया और देश सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
बौद्धिक विचार और प्रेरणा
जिला शारीरिक प्रमुख संदीप नाग जी ने उपस्थित स्वयंसेवकों को बौद्धिक विचार साझा करते हुए कहा कि आज हमें गर्व के साथ कहना है कि आरएसएस के गठन को पूरे सौ वर्ष पूरे हो चुके हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हमें हमेशा देश की सेवा में तत्पर रहना चाहिए और हर व्यक्ति को संस्कारवान बनना चाहिए।
संदीप नाग जी ने कहा: “आरएसएस की 100 वर्ष की सेवा हमें यह सिखाती है कि देशभक्ति और संस्कार हमारे जीवन का आधार हैं। हमें हमेशा तत्पर और जिम्मेदार नागरिक बनना चाहिए।”
सहभागिता और सामाजिक संदेश
इस पथ संचलन कार्यक्रम ने न केवल आरएसएस के सदस्यों में जोश और अनुशासन का संदेश दिया बल्कि आम जनता को भी देशभक्ति, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व से अवगत कराया। कार्यक्रम में शामिल सभी स्वयंसेवकों ने संदेश दिया कि राष्ट्रीय सेवा और संस्कार की भावना को बढ़ावा देना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।
न्यूज़ देखो: आरएसएस के 100 वर्षों की सेवा का प्रतीक
बानो में आयोजित यह कार्यक्रम दर्शाता है कि देशभक्ति, सेवा और अनुशासन के मूल्यों को युवाओं तक पहुंचाना और सामाजिक जागरूकता बढ़ाना आज भी आवश्यक है।
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सेवा और संस्कार के मार्ग पर चलें
आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यह पथ संचलन हमें याद दिलाता है कि देश की सेवा और सामाजिक संस्कार का मार्ग निरंतर अपनाया जाना चाहिए। आइए, हम सब मिलकर अपनी जिम्मेदारी निभाएं, समाज में सकारात्मक योगदान दें और राष्ट्र की उन्नति में भागीदार बनें। अपनी राय कमेंट करें, खबर शेयर करें और जागरूकता फैलाएँ।