#सिमडेगा #स्वास्थ्यसेवा : रास्ते में ब्रेकडाउन से मरीज की जान पर बन आई—प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
- सिमडेगा जिले में 108 एंबुलेंस की हालत बेहद खराब।
- लगातार ब्रेकडाउन से मरीजों की जिंदगी पर खतरा।
- कोलेबिरा में सीरियस पेशेंट फंसा 2 घंटे तक एंबुलेंस में।
- जलडेगा के वृद्ध पीटर होबो को लकवा मारने के बाद रेफर किया गया था।
- प्रशासन की मरम्मत व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े।
सिमडेगा में स्वास्थ्य सेवाओं का एक अहम हिस्सा माने जाने वाले 108 एंबुलेंस की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। आए दिन सड़क पर ब्रेकडाउन हो रही इन गाड़ियों से मरीजों और उनके परिजनों की परेशानी बढ़ गई है। ताजा मामला कोलेबिरा का है, जहां एक गंभीर मरीज को सदर अस्पताल लाने के दौरान एंबुलेंस बीच रास्ते में खराब हो गई। इस दौरान मरीज करीब 2 से 3 घंटे तक एंबुलेंस में ही तड़पता रहा।
कैसे बिगड़ा मामला?
जानकारी के मुताबिक, जलडेगा के खरवागढ़ा निवासी पीटर होबो को अचानक लकवा मार गया। परिजनों ने पहले उन्हें जलडेगा अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए सदर अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बाद 108 एंबुलेंस के जरिए मरीज को सिमडेगा लाने की व्यवस्था की गई। लेकिन कोलेबिरा चौक के पास अचानक एंबुलेंस ब्रेकडाउन हो गई।
चालक की मशक्कत और लापरवाही का सबूत
एंबुलेंस के चालक ने गाड़ी को दोबारा चालू करने की काफी कोशिश की, लेकिन प्रयास विफल रहे। आखिरकार उसने सिमडेगा सदर अस्पताल को स्थिति की जानकारी दी। तब जाकर अस्पताल से एक दूसरी एंबुलेंस भेजी गई। हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में करीब दो घंटे से अधिक का समय लग गया, जिसके चलते मरीज और उसके परिजन दहशत में रहे।
मरीज के परिजनों का आरोप: “अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो हमारी चिंता कम होती। प्रशासन को इस समस्या पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।”
क्यों नहीं हो रही मरम्मत?
स्थानीय लोगों का कहना है कि 108 एंबुलेंस की हालत पिछले कई महीनों से खराब है। रखरखाव और नियमित सर्विसिंग के अभाव में ये गाड़ियां सड़क पर मरीजों के लिए खतरा साबित हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण आपातकालीन सेवा का उद्देश्य पूरी तरह विफल होता नजर आ रहा है।
जनसुरक्षा के लिए बड़ा सवाल
यह घटना सिर्फ एक उदाहरण है, लेकिन इससे यह साफ है कि जिले में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे में अगर प्रशासन ने तुरंत कदम नहीं उठाए, तो और भी गंभीर स्थितियां सामने आ सकती हैं।
न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत पर सवालिया निशान
यह घटना प्रशासन की कार्यशैली और स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत उजागर करती है। आपातकालीन सेवाएं जब भरोसेमंद नहीं होंगी, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी? हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अब वक्त सजग नागरिकता का
स्वास्थ्य सेवाओं की यह लापरवाही हम सबके लिए चिंता का विषय है। अब समय है कि हम सब मिलकर इस मुद्दे पर आवाज उठाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हों और प्रशासन तक यह संदेश पहुंचे।