
#विशुनपुरा #धमकी_विवाद : मुखिया पति पर फोन पर गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का आरोप —ऑडियो साक्ष्य के साथ पुलिस से कार्रवाई की मांग।
- हसनैन अंसारी, निवासी पतिहारी पंचायत ने मुखिया पति मुना अंसारी पर धमकी देने का आरोप लगाया।
- घटना 13 नवंबर 2025 की सुबह फोन कॉल के दौरान हुई बताई गई।
- पीड़ित ने गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दिए जाने की बात कही।
- बातचीत का पूरा ऑडियो रिकॉर्ड थाना को सौंपा गया।
- मुखिया प्रतिनिधि मुना अंसारी ने आरोपों को बेबुनियाद और साजिश बताया।
विशुनपुरा (गढ़वा)। पतिहारी पंचायत में स्थानीय राजनीति एक बार फिर गरमा गई है, जब निवासी हसनैन अंसारी, पिता अब्दुल लतीफ अंसारी, ने पंचायत के मुखिया पति मुना अंसारी पर फोन पर धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया। पीड़ित ने विशुनपुरा थाना में लिखित शिकायत देकर पूरे मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
हसनैन ने बताया कि 13 नवंबर की सुबह उन्हें फोन कर न केवल गाली-गलौज की गई, बल्कि सीधे तौर पर जान से मारने की धमकी दी गई। इस घटना से वे और उनका पूरा परिवार भयभीत है। उन्होंने कॉल रिकॉर्डिंग पुलिस को साक्ष्य के रूप में सौंप दी है, ताकि जांच निष्पक्ष रूप से हो सके।
फोन पर धमकी और गाली-गलौज का आरोप
पीड़ित हसनैन अंसारी ने आवेदन में लिखा है कि मुखिया पति ने उन्हें बिना किसी कारण अकेले में टारगेट करके डराने की कोशिश की।
उनके अनुसार कॉल के दौरान अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया और धमकी के लहजे में व्यवहार किया गया, जिसकी वजह से परिवार में तनाव और भय का माहौल है।
उन्होंने कहा कि रिकॉर्डिंग उनके पास मौजूद थी, जिसे वह थाने में जमा कर चुके हैं ताकि पुलिस के पास पुख्ता आधार हो।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया—चुनावित प्रतिनिधियों से ऐसी भाषा की उम्मीद नहीं
स्थानीय ग्रामीणों ने इस घटना को बेहद निंदनीय बताया है। उनका कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों से जनता उम्मीद करती है कि वे मर्यादा में रहें और जनता के सवालों का जवाब दें, धमकाएँ नहीं।
लोगों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी उठाई है। ग्रामीणों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएँ पंचायत में गलत संदेश भेजती हैं और लोकतांत्रिक व्यवस्था को आहत करती हैं।
थाना प्रभारी का बयान—जांच शुरू
थाना प्रभारी ने पुष्टि की है कि आवेदन प्राप्त हो चुका है। उन्होंने बताया कि ऑडियो सहित सभी साक्ष्यों की जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई प्रक्रिया के तहत होगी।
पुलिस ने ग्रामीणों से सहयोग करने और मामले को कानून के हवाले छोड़ने की अपील की है।
मुखिया पति मुना अंसारी का पक्ष—”आरोप पूरी तरह बेबुनियाद”
दूसरी ओर, मुखिया प्रतिनिधि मुना अंसारी ने उन पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है।
उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी लगातार दो बार से पंचायत की मुखिया चुनी जाती रही हैं और उनकी लोकप्रियता से कुछ लोग परेशान हैं।
उन्होंने स्पष्ट कहा:
मुना अंसारी ने कहा: “मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप गलत और निराधार हैं। हसनैन अंसारी द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर हमें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।”
उन्होंने आगे जोड़ा कि वे कानून में पूर्ण विश्वास रखते हैं और उन्हें भरोसा है कि जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी।
उनका कहना है कि उनकी छवि खराब करने के उद्देश्य से बिना किसी ठोस आधार के यह विवाद पैदा किया गया है।
मामला बढ़ा—क्षेत्र में चर्चा तेज
शिकायत दर्ज होने और दोनों पक्षों की बयानबाज़ी के बाद मामला तेजी से पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। पंचायत के भीतर खिंचाव और व्यक्तिगत रंजिश का यह मामला कितना गंभीर रूप लेगा, यह आने वाली पुलिस जांच पर निर्भर करेगा।
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यह विवाद बताता है कि पंचायत स्तर पर भी सत्ता और जिम्मेदारी के साथ संयम और मर्यादा आवश्यक है। आम जनता अपने प्रतिनिधियों से उम्मीद करती है कि वे समस्याओं का समाधान करें, न कि धमकियाँ दें या तनाव पैदा करें।
दूसरी ओर, झूठे आरोप और बदनाम करने की कोशिशें भी लोकतंत्र को कमजोर करती हैं। इसलिए निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है।
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जिम्मेदारी और संवाद से ही मजबूत होगा समाज
पंचायत स्तर के छोटे-छोटे विवाद भी बड़े तनाव में बदल जाते हैं, इसलिए जनप्रतिनिधियों और नागरिकों—दोनों को संयम और संवाद अपनाना चाहिए।
हम सबकी जिम्मेदारी है कि विवाद के बजाय समाधान की राह चुनें और समाज में शांति व विश्वास का माहौल कायम रखें।
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