- बिहटा एयरपोर्ट का निर्माण रूस की प्रतिष्ठित कंपनी को सौंपा गया।
- 459.99 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा अत्याधुनिक हवाई अड्डा।
- परियोजना के तहत 438 करोड़ रुपये निर्माण पर और 21.99 करोड़ रुपये रखरखाव पर खर्च होंगे।
- पटना एयरपोर्ट के दबाव को कम करने और बिहार की हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए किया जा रहा निर्माण।
- परियोजना के 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है।
बिहटा एयरपोर्ट क्यों है खास?
बिहार की राजधानी पटना जल्द ही एक अत्याधुनिक हवाई अड्डे का गवाह बनेगा। पटना-बिहटा एलिवेटेड कोरिडोर के माध्यम से पटना से बिहटा की दूरी महज 20-25 मिनट में तय की जा सकेगी।
- नया एकीकृत टर्मिनल भवन: हाई-टेक सुविधाओं से लैस अत्याधुनिक टर्मिनल बनाया जाएगा।
- रनवे विस्तार: मौजूदा 2200 मीटर के रनवे को 3700 मीटर तक बढ़ाने की योजना है, जिससे बड़े विमानों की आवाजाही संभव होगी।
- बेहतर विमान पार्किंग: एयरबस ए-321, बोइंग 737-800 और ए-320 विमानों के लिए 10 पार्किंग वे बनाए जाएंगे।
- 3000 यात्री क्षमता: एक समय में 3000 यात्रियों को संभालने की सुविधा उपलब्ध होगी।
बिहार की हवाई यात्रा का नया केंद्र
पटना एयरपोर्ट पहले से ही अपनी क्षमता से अधिक यात्रियों को संभाल रहा है, ऐसे में बिहटा एयरपोर्ट न केवल पटना बल्कि पूरे बिहार की हवाई कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देगा। इस परियोजना से राज्य में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी रफ्तार मिलेगी।
बिहार सरकार ने इस परियोजना के लिए 108 एकड़ जमीन पहले ही उपलब्ध करा दी है। बिहटा हवाई अड्डे को ब्राउनफील्ड परियोजना के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन भी संभव होगा। साथ ही पटना हवाई अड्डे का भी 15 किमी तक विस्तार इस परियोजना का हिस्सा है।
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