
#सिमडेगा #जेल_निरीक्षण : पीडीजे ने भोजन, सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और बंदियों की सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा—मानकों के अनुरूप पाया गया भोजन
- झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर सिमडेगा मंडल कारा में औचक निरीक्षण।
- निरीक्षण का नेतृत्व पीडीजे राजीव कुमार सिन्हा ने किया, साथ में डालसा सचिव मरियम हेमरोम भी रहीं।
- रसोईघर में भोजन का स्वाद लेकर गुणवत्ता की सीधी जांच की गई।
- सभी वार्डों में स्वच्छता, रोशनी, पेयजल व शौचालय की स्थिति का परीक्षण।
- बंदियों से मिलकर समस्याएँ, जरूरतें और शिकायतें सुनी गईं।
- सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी, स्टाफ तैनाती और मेडिकल सुविधाओं की विशेष समीक्षा की गई।
सिमडेगा। झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर शनिवार को सिमडेगा मंडल कारा में एक महत्वपूर्ण औचक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का नेतृत्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के अध्यक्ष राजीव कुमार सिन्हा ने किया। उनके साथ डालसा की सचिव मरियम हेमरोम भी शामिल रहीं। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल परिसर की वास्तविक स्थिति, बंदियों की सुविधाएँ, सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य मानकों का मूल्यांकन करना था।
भोजन की गुणवत्ता की प्रत्यक्ष जांच
निरीक्षण दल ने सबसे पहले रसोईघर का निरीक्षण किया। पीडीजे ने स्वयं बंदियों के लिए तैयार किए गए भोजन का स्वाद लेकर उसकी गुणवत्ता और मानक की जांच की। समीक्षा में पाया गया कि भोजन जेल मैनुअल के अनुरूप ही तैयार किया जा रहा है। रसोईघर की स्वच्छता, खाद्य सामग्री का भंडारण और उपलब्धता को भी संतोषजनक पाया गया।
वार्डों की स्वच्छता और सुविधाओं का परीक्षण
इसके बाद निरीक्षण दल ने सभी वार्डों का भ्रमण किया। यहां बंदियों की रहने की व्यवस्था, रोशनी, वेंटिलेशन, स्वच्छता, शौचालयों की स्थिति और सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता को परखा। बंदियों के व्यक्तिगत सामान की जांच के दौरान किसी भी वार्ड में कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली, जो सुरक्षा की दृष्टि से सकारात्मक संकेत है।
बंदियों की समस्याएँ और कानूनी जागरूकता
निरीक्षण के दौरान पीडीजे और सचिव ने बंदियों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएँ, जरूरतें और शिकायतें सुनीं। उन्हें निःशुल्क कानूनी सहायता, उनके अधिकारों और उपलब्ध सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा
प्रधान जिला जज ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि बंदियों की नियमित स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मेडिकल रिकॉर्ड, दवाइयों की उपलब्धता और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की भी समीक्षा कर सुधार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सुरक्षा व्यवस्था का विस्तृत अवलोकन
निरीक्षण के दौरान जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरों का कवरेज, गार्ड तैनाती, आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली और निगरानी तंत्र की जांच की गई। अधिकारियों ने सुरक्षा को और सुदृढ़ रखने के लिए कई सुझाव भी दिए।
निरीक्षण के समय जेल अधीक्षक अजय कुमार, जेलर और अन्य स्टाफ मौजूद रहे। अधिकारियों ने व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भरोसा दिलाया।

न्यूज़ देखो: जेल निरीक्षण से बढ़ती पारदर्शिता
सिमडेगा मंडल कारा में किया गया यह औचक निरीक्षण प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करता है। ऐसे निरीक्षण बंदियों की सुरक्षा, सम्मान और मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित व्यवस्था—जिम्मेदार प्रशासन
समाज तभी सुरक्षित होता है जब उसकी संस्थाएँ पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कार्य करें।
आप भी अपने क्षेत्र की सार्वजनिक संस्थाओं की स्थिति पर सतर्क रहें और आवाज उठाएँ।
इस खबर को शेयर करें और बताएं—क्या आपके जिले में भी ऐसे औचक निरीक्षण होते हैं?





