
#गिरिडीह #मुहर्रमशांतिबैठक : पचम्बा थाना परिसर में मुहर्रम से पहले हुई शांति समिति की बैठक — प्रशासन ने डीजे, आग और सोशल मीडिया पर नियंत्रण को लेकर दिए कड़े निर्देश
- डीएसपी टु कौशर अली की अध्यक्षता में पचम्बा थाना परिसर में हुई शांति समिति बैठक
- जुलूस के तय रूट और समय को लेकर सभी पक्षों में बनी सहमति
- डीजे, आग और आपत्तिजनक सोशल मीडिया कंटेंट पर सख्त निर्देश
- स्थानीय जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने प्रशासन को सहयोग का दिया भरोसा
- सभी समुदायों ने आपसी समन्वय और सौहार्द के साथ पर्व मनाने का किया संकल्प
शांति और सुरक्षा के लिए हुई समन्वय बैठक
गिरिडीह जिले के पचम्बा थाना परिसर में रविवार को मुहर्रम पर्व को लेकर शांति समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता डीएसपी टु कौशर अली ने की, जिसमें पचम्बा इंस्पेक्टर मंटु कुमार, थाना प्रभारी राजीव कुमार, स्थानीय जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
पर्व के दौरान बनाए रखने होंगे नियम
बैठक में मुहर्रम जुलूस को लेकर निर्धारित रूट और समय को सभी पक्षों ने स्वीकार किया।
डीएसपी टु कौशर अली ने कहा: “जुलूस में डीजे, आग या किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री का प्रयोग नहीं होगा। सोशल मीडिया पर उत्तेजक या भड़काऊ पोस्ट से सभी लोग बचें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
सभी समुदायों ने जताया सहयोग
बैठक में उपस्थित सभी समुदायों के लोगों ने आपसी समन्वय और सौहार्द बनाए रखने का संकल्प लिया।
जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को हर संभव सहयोग देने की बात कही, जिससे मुहर्रम पर्व शांति और सुरक्षा के साथ संपन्न हो सके।
सोशल मीडिया पर रहेगा कड़ा पहरा
प्रशासन ने सोशल मीडिया पर नजर रखने की बात दोहराई और अफवाहों से बचने की अपील की। पुलिस ने कहा कि किसी भी संवेदनशील पोस्ट की सूचना तुरंत थाना या साइबर सेल को दें।
न्यूज़ देखो: सौहार्द की मिसाल बनाता गिरिडीह
गिरिडीह जिले में प्रशासन और समाज का यह साझा प्रयास एक नजीर पेश करता है, जहां सभी समुदाय एकजुटता के साथ पर्व की तैयारी में जुटे हैं।
‘न्यूज़ देखो’ मानता है कि इस प्रकार की बैठकों से पारदर्शिता, विश्वास और संवाद को मजबूती मिलती है।
ऐसे प्रयासों से ही एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण समाज की नींव रखी जाती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग नागरिक ही मजबूत समाज की नींव हैं
धार्मिक पर्व केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि समाज में सामूहिक जिम्मेदारी और अनुशासन का प्रतिबिंब होते हैं।
हम सबकी जिम्मेदारी है कि ऐसे अवसरों पर शांति, सहयोग और सद्भाव बनाए रखें।
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