#कोलेबिरा #दुर्गापूजा : शांति, सौहार्द और सुरक्षा के साथ पर्व मनाने का संकल्प
- कोलेबिरा थाना परिसर में दुर्गा पूजा को लेकर शांति समिति की बैठक हुई।
- बैठक की अध्यक्षता अंचल अधिकारी अनूप कच्छप ने की।
- थाना प्रभारी हर्ष कुमार साह ने जुलूस मार्ग और तैयारियों पर चर्चा की।
- समितियों को निर्देश – वॉलंटियर्स की सही पहचान और साफ-सफाई पर ध्यान दें।
- विशेष सुझाव – बाइकर्स पर नियंत्रण, शराब बिक्री पर रोक, तालाब की सफाई और पुलिस बल की तैनाती।
कोलेबिरा। आगामी दुर्गा पूजा को लेकर मंगलवार को थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रशासन और स्थानीय समितियों के पदाधिकारी एक साथ बैठे और त्योहार को शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण और पारंपरिक तरीके से मनाने का संकल्प लिया।
प्रशासन और समितियों का साझा संदेश
बैठक की अध्यक्षता अंचल अधिकारी अनूप कच्छप ने की, जबकि थाना प्रभारी हर्ष कुमार साह ने दुर्गा पूजा जुलूस मार्ग की जानकारी ली और आवश्यक तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने समितियों से आग्रह किया कि अपने-अपने पंडालों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें और वॉलंटियर्स सही व्यक्तियों की पहचान कर ही नियुक्त करें।
सुरक्षा और अनुशासन पर जोर
शांति समिति के सदस्यों ने सुझाव दिया कि पूजा के दौरान बाइकर्स स्टंट पर कड़ी रोक, शराब बिक्री पर नियंत्रण, और जुलूस के दौरान भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती, पीने के पानी की व्यवस्था और विसर्जन तालाब की सफाई कराने पर जोर दिया गया।
प्रशासन का भरोसा
थाना प्रभारी हर्ष कुमार साह ने कहा कि प्रशासन हर स्तर पर सहयोग करेगा ताकि दुर्गा पूजा का पर्व शांति और उल्लास के साथ संपन्न हो सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन और समितियों के समन्वय से ही पर्व को सफल बनाया जा सकता है।
बैठक में प्रखंड प्रमुख दुतामी हेमरोम, अंचल अधिकारी अनूप कछप, सभी दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारी, विभिन्न समुदायों के प्रबुद्धजन और जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
न्यूज़ देखो: त्योहारों में शांति और एकता का संदेश
दुर्गा पूजा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का पर्व है। कोलेबिरा में हुई यह बैठक इस बात का प्रमाण है कि जब प्रशासन और समाज मिलकर काम करें तो हर आयोजन और भी भव्य और सुरक्षित हो सकता है।
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मिलजुलकर बनाएं त्योहार को यादगार
त्योहार तभी सफल होते हैं जब उनमें सभी समुदायों की भागीदारी और सहयोग हो। आइए, दुर्गा पूजा को शांति, सौहार्द और सामाजिक एकता का प्रतीक बनाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि जागरूकता फैले।