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झारखंड में शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर (PEN) अनिवार्य किया गया

प्रतिकात्मक चित्रण्

#रांची #शिक्षा : झारखंड अधिविद्य परिषद ने 2025–27 सत्र से छात्रों के लिए पेन नंबर लागू करने की घोषणा की

झारखंड सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को परमानेंट एजुकेशन नंबर (PEN) आवंटित किया जाएगा। यह नंबर छात्र की शैक्षणिक यात्रा की स्थायी पहचान होगा और इसके जरिए न केवल परीक्षा आवेदन बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी पारदर्शिता आएगी।

पेन नंबर क्या है और क्यों है जरूरी

‘PEN’ यानी परमानेंट एजुकेशन नंबर, एक विशेष पहचान संख्या होगी। यह नंबर हर छात्र को स्कूल स्तर पर मिलेगा और उसके पूरे शैक्षणिक जीवन में प्रयोग होगा। परीक्षा आवेदन, ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) लेने, स्कूल बदलने या किसी सरकारी योजना का लाभ उठाने तक हर जगह यह नंबर अनिवार्य होगा।

फर्जी छात्रों पर लगेगी रोक

अभी तक अक्सर देखा गया है कि कई बार छात्र पढ़ाई बीच में छोड़ देते थे लेकिन उनके नाम से स्कूलों में रजिस्ट्रेशन बने रहते थे और योजनाओं का लाभ भी उठाया जाता था। इस गड़बड़ी पर रोक लगाने के लिए पेन नंबर सबसे अहम होगा। अब हर छात्र का संपूर्ण डेटा एक ही प्लेटफॉर्म पर दर्ज रहेगा और फर्जी रजिस्ट्रेशन या डुप्लीकेट नामों की संभावना खत्म हो जाएगी।

कब से लागू होगा नया नियम

झारखंड अधिविद्य परिषद ने स्पष्ट कर दिया है कि यह व्यवस्था 2025–27 शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। यानी 2026 में होने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए आवेदन करते समय छात्रों को पेन नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज करना होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी अभिषेक झा ने सभी सरकारी स्कूलों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि समय रहते छात्रों का पूरा डेटा तैयार करना सुनिश्चित किया जाए।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में पहल

झारखंड सरकार और अधिविद्य परिषद का मानना है कि इस कदम से शिक्षा व्यवस्था अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनेगी। छात्रों के रिकॉर्ड को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से रखा जा सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से छात्रों तक सरकारी योजनाओं का सीधा और सही लाभ पहुंचेगा।

छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया

कई अभिभावकों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अब बच्चों की शिक्षा से जुड़े सभी कार्यों में एक स्पष्ट प्रणाली होगी। छात्रों का भी मानना है कि पेन नंबर से स्कूल बदलने या परीक्षा फॉर्म भरने जैसी प्रक्रिया आसान और बिना परेशानी की हो जाएगी।

जिला शिक्षा पदाधिकारी अभिषेक झा ने कहा: “पेन नंबर से शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और छात्रों को योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। सभी स्कूलों को पंजीकरण कार्य समय पर पूरा करने का निर्देश दिया गया है।”

डिजिटल ट्रैकिंग और पारदर्शिता का लाभ

शिक्षाविदों का मानना है कि यह व्यवस्था न केवल छात्रों के लिए लाभकारी होगी बल्कि सरकार को भी शिक्षा क्षेत्र में वास्तविक स्थिति का आकलन करने में मदद करेगी। इससे राज्य स्तर पर शिक्षा योजनाओं को लागू करने में सटीक आंकड़े मिलेंगे और संसाधनों का सही उपयोग हो सकेगा।

न्यूज़ देखो: शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की मिसाल

झारखंड में परमानेंट एजुकेशन नंबर की शुरुआत से शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यह कदम छात्रों की पहचान को स्थायी बनाएगा और योजनाओं की पारदर्शी डिलीवरी सुनिश्चित करेगा। इससे स्पष्ट है कि शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल सुधारों की दिशा में राज्य आगे बढ़ रहा है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शिक्षा सुधारों में आपका योगदान जरूरी

शिक्षा व्यवस्था में यह बदलाव केवल सरकार का कदम नहीं है, बल्कि समाज की सक्रिय भागीदारी भी जरूरी है। आइए, हम सब इस पहल का स्वागत करें और छात्रों को जागरूक बनाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और शिक्षा सुधार की इस पहल को हर घर तक पहुंचाएं।

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