
#गिरिडीह #पुलनिर्माणमंजूरी — अंग्रेजों के जमाने से खड़े खस्ताहाल पुल की मरम्मत को मिला सरकारी संकेत, लगातार पत्राचार के बाद हुआ समाधान
- डांडेडीह-बरवाडीह स्थित जर्जर पुल के निर्माण को मिली मंजूरी
- सूचना अधिकार कार्यकर्ता सुनील खंडेलवाल ने लगातार भेजे 7 से अधिक पत्र
- रेलवे, कोयला मंत्रालय, NHAI ने जिम्मेदारी से किया पल्ला झाड़
- झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग ने प्रस्ताव को बताया स्वीकृति के करीब
- रामविलास सिंह ने बताया कि धनराशि मिलते ही शुरू होगा निर्माण कार्य
अंग्रेजों के जमाने का पुल अब नहीं रहेगा खतरे में
गिरिडीह: डांडेडीह-बरवाडीह मार्ग पर स्थित अंग्रेजों के जमाने का जर्जर पुल अब जल्द ही पुनर्निर्माण की दिशा में बढ़ता दिखाई दे रहा है। वर्षों से खस्ताहाल इस पुल को लेकर क्षेत्रीय नागरिकों में असंतोष था, पर अब सूचना अधिकार कार्यकर्ता सुनील खंडेलवाल की लगातार प्रयासों के बाद पुल निर्माण की दिशा में सरकारी विभागों ने सकारात्मक रुख अपनाया है।
पत्रों की लंबी यात्रा और जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ती एजेंसियां
खंडेलवाल ने इस पुल की मरम्मत को लेकर 09 अप्रैल 2025 को सबसे पहले रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा, जिसके जवाब में पूर्व रेलवे, आसनसोल की वरिष्ठ मंडल इंजीनियर वंदना सिंहा ने बताया कि यह पुल रेलवे के अधीन नहीं आता। इसके बाद खंडेलवाल ने 25 अप्रैल को कोयला मंत्रालय को पत्र भेजा, पर संयुक्त सचिव लखपत सिंह चौधरी ने भी विभागीय असंबद्धता जताई।
जब दो केंद्रीय मंत्रालयों ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा, तो खंडेलवाल ने 26 अप्रैल को झारखंड सरकार के सड़क परिवहन एवं पथ निर्माण विभाग को पत्र भेजा। इस पर 14 जून 2025 को अनुमंडल पदाधिकारी के पत्र द्वारा खंडेलवाल को सूचित किया गया कि मामला राज्य सरकार के अधीन है।
एनएचएआई और पथ विभाग से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया
07 जून 2025 को खंडेलवाल ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और पथ निर्माण विभाग, झारखंड को पत्र भेजा, जिस पर 22 जून को परियोजना निदेशक धीरज कुमार भारती ने जवाब दिया कि मामला पथ निर्माण विभाग के अधीन है।
प्रस्ताव पारित होने की सूचना, जल्द शुरू होगा निर्माण
खंडेलवाल द्वारा 18 जून 2025 को कार्यपालक अभियंता रामविलास सिंह से फोन पर संपर्क किया गया, जिन्होंने बताया कि एक प्रस्ताव तैयार कर रांची स्थित विभागीय मुख्यालय को भेज दिया गया है, और वित्तीय स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी होने वाली है।
रामविलास सिंह ने कहा: “यह मामला सुरक्षा और जनहित से जुड़ा है। जैसे ही बजट स्वीकृत होगा, पुल का निर्माण कार्य बिना किसी देरी के शुरू कर दिया जाएगा।”
गिरिडीह सिविल सोसाइटी की भूमिका भी रही अहम
02 मई 2025 को गिरिडीह सिविल सोसाइटी का एक प्रतिनिधिमंडल तत्कालीन उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा से मिला और पुल की स्थिति को लेकर मौखिक और लिखित रूप से अनुरोध किया। यह कदम भी विभागीय ध्यान केंद्रित कराने में मददगार साबित हुआ।
कार्यकर्ता खंडेलवाल ने सरकार को कहा धन्यवाद
सुनील खंडेलवाल ने इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले पथ निर्माण विभाग, झारखंड सरकार और विशेष रूप से रामविलास सिंह का आभार प्रकट किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्थानीय जनता को जल्द ही एक सुरक्षित और नया पुल मिलेगा, जिससे क्षेत्रीय आवाजाही में सुधार होगा।
न्यूज़ देखो: जनता की पहल से बदलेगा जमीनी हालात का चेहरा
डांडेडीह-बरवाडीह पुल के निर्माण की स्वीकृति यह दिखाती है कि जब नागरिक लगातार, विधिपूर्वक और जिम्मेदारी के साथ सरकार को लिखित संज्ञान कराते हैं, तो व्यवस्था में हलचल जरूर होती है। यह खबर केवल पुल के निर्माण की नहीं, बल्कि जन-जागरूकता और संवेदनशील प्रशासन की जीत है। न्यूज़ देखो ऐसे मामलों में जनता की आवाज़ को प्रशासन तक पहुंचाने का जिम्मा उठाता रहेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नागरिक सजगता ही बदलाव की पहली सीढ़ी है
पुरानी व्यवस्था बदलनी है तो नए सवाल पूछने होंगे, नए प्रयास करने होंगे। सुनील खंडेलवाल जैसे लोगों से हमें सीख लेनी चाहिए कि एक पत्र भी परिवर्तन की नींव रख सकता है। अगर आपको अपने क्षेत्र में ऐसी कोई समस्या दिखती है, तो आवाज उठाइए, जागरूक रहिए और दूसरों को भी जागरूक कीजिए।
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