- बिना पुनर्वास फुटपाथ दुकानों को हटाना गलत – संजय सेठ।
- नगर निगम को पहले व्यवस्थित पुनर्वास करना चाहिए।
- 2016 में सर्वे के अनुसार 5901 वेंडर्स को लाइसेंस दिए गए थे।
- बिना नोटिस और समय दिए दुकानों को उजाड़ा जा रहा है।
- वेंडर्स के लिए जीवन यापन और लोन चुकाने की समस्या।
नगर निगम के रवैये पर संजय सेठ ने जताई आपत्ति
रांची: नगर निगम द्वारा फुटपाथ दुकानदारों को हटाए जाने पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री सह रांची सांसद संजय सेठ ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि जब तक नगर निगम पुनर्वास की उचित व्यवस्था नहीं करता, तब तक इन दुकानदारों को हटाना अन्याय होगा।
फुटपाथ दुकानदारों के जीवन यापन पर संकट
संजय सेठ ने सवाल उठाते हुए कहा,
“क्या रांची में फुटपाथ दुकानदारों को जीने का अधिकार नहीं है? वे अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे?”
उन्होंने कहा कि नगर निगम और जिला प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
2016 के सर्वे में 5901 वेंडर्स को लाइसेंस मिले थे
सांसद सेठ ने बताया कि 2016 में नगर निगम द्वारा सर्वे कराया गया था, जिसमें रांची के विभिन्न क्षेत्रों में 5901 वेंडर्स को लाइसेंस जारी किए गए थे।
सर्वे के अनुसार, जहां ये वेंडर्स अपनी दुकान लगाकर व्यापार कर रहे हैं, वहां से उन्हें हटाने से पहले दूसरी जगह दी जानी चाहिए।
बिना नोटिस हटाए जा रहे दुकानदार
संजय सेठ ने कहा कि प्रशासन अतिक्रमण हटाने के नाम पर दुकानदारों को अचानक हटाकर अन्याय कर रहा है।
“बिना किसी नोटिस और बिना समय दिए सीधे दुकान उजाड़ दिए जा रहे हैं, जो बिल्कुल गलत है।”
लोन लेने वाले वेंडर्स के लिए संकट
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत हजारों वेंडर्स को लोन दिया गया है, जिससे वे अपना व्यापार कर रहे हैं।
अब जब दुकान हटा दी जा रही है, तो वे लोन कैसे चुकाएंगे?
सांसद ने की नगर निगम से अपील
संजय सेठ ने नगर निगम से आग्रह किया कि वह अपने निबंधित 5901 वेंडर्स को पुनर्वास की गारंटी दे।
उन्होंने कहा कि नगर निगम की यह जिम्मेदारी बनती है कि पहले एक तय स्थान देकर ही दुकानों को हटाया जाए।
निष्कर्ष :
रांची में फुटपाथ दुकानदारों की आजीविका खतरे में है। सांसद संजय सेठ ने नगर निगम से मांग की है कि उचित पुनर्वास योजना बनाकर ही दुकानदारों को हटाया जाए। उन्होंने प्रशासन से फुटपाथ दुकानदारों के लिए ठोस नीति बनाने की अपील की है।
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