
#गढ़वा #शराबदुकानसत्यापन : 43 खुदरा उत्पाद दुकानों पर मदिरा स्टॉक की जांच — प्लेसमेंट एजेंसी की अवधि समाप्ति के बाद संचालन में हो रहा परिवर्तन
- 1 से 3 जुलाई तक चलेगा भौतिक सत्यापन और टेकओवर का कार्य
- गढ़वा जिले की 43 शराब दुकानों पर किया जा रहा स्टॉक सत्यापन
- प्लेसमेंट एजेंसी का कार्यकाल समाप्त, नए संचालन से पहले जरूरी प्रक्रिया
- जिन दुकानों में सत्यापन नहीं हुआ, वहां तब तक बिक्री संभव नहीं
- आज गढ़वा के 9 और डंडा के 2 खुदरा दुकानों में हुआ सत्यापन, ये दुकानें बंद रहीं
शराब दुकानों में शुरू हुआ संचालन परिवर्तन का कार्य
गढ़वा जिला प्रशासन द्वारा 01 जुलाई से 03 जुलाई 2025 तक 43 खुदरा उत्पाद दुकानों (देशी, विदेशी एवं कम्पोजिट शराब दुकान) में मदिरा व अन्य सामग्रियों का भौतिक सत्यापन एवं हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। यह प्रक्रिया प्लेसमेंट एजेंसियों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद की जा रही है ताकि नए संचालन की पूर्व तैयारी सुनिश्चित हो सके।
दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त, 11 दुकानों में पहले दिन की कार्रवाई
उपायुक्त दिनेश कुमार यादव द्वारा इस कार्य हेतु दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। पहले दिन यानी 01 जुलाई को गढ़वा प्रखंड की 9 एवं डंडा प्रखंड की 2 दुकानों में सत्यापन और हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया पूरी की गई। इन दुकानों को एक दिन के लिए बंद रखा गया। शेष दुकानों में यह कार्य 2 और 3 जुलाई को संपन्न किया जाएगा।
बिना सत्यापन पूरी प्रक्रिया के नहीं होगी शराब की बिक्री
अपर समाहर्ता राज महेश्वरम ने स्पष्ट किया कि जिन दुकानों में सत्यापन एवं हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, वहां शराब की बिक्री नहीं की जा सकेगी। सुरक्षा और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। सत्यापन कार्य की पूर्णता के बाद ही सभी खुदरा दुकानों में पुनः सामान्य रूप से बिक्री की अनुमति होगी।
अपर समाहर्ता राज महेश्वरम ने कहा: “इस प्रक्रिया का उद्देश्य मदिरा सामग्री की सटीक गणना और संचालन की पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है। सत्यापन पूर्ण होने तक उन दुकानों में बिक्री पर रोक रहेगी।”
जिलेभर में सुचारू प्रबंधन और जवाबदेही की दिशा में कदम
प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा यह विशेष सत्यापन अभियान नियमितीकरण, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए बेहद आवश्यक है। नए संचालन से पूर्व यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी स्टॉक की स्थिति स्पष्ट हो और जिम्मेदारी से संचालन हो सके। यह अभियान मदिरा व्यवसाय में किसी भी तरह की अनियमितता को रोकने के लिए एक मजबूत पहल मानी जा रही है।
न्यूज़ देखो: जवाबदेही और पारदर्शिता की राह पर गढ़वा प्रशासन
गढ़वा जिला प्रशासन ने मदिरा दुकानों में संचालन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए जो पहल की है, वह नियमन और जवाबदेही की दृष्टि से सराहनीय है। प्लेसमेंट एजेंसियों की सेवा समाप्ति के बाद नया संचालन बिना उचित प्रक्रिया के शुरू न हो — इसके लिए भौतिक सत्यापन और हैंडओवर-टेकओवर अनिवार्य किया गया है। यह कदम दर्शाता है कि प्रशासन अनियमितताओं के प्रति सख्त रवैया अपना रहा है और जनता के विश्वास को कायम रखने के लिए लगातार प्रयासरत है।
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सुव्यवस्थित संचालन के लिए सजग रहना जरूरी
शराब दुकानों के संचालन में पारदर्शिता, विधि-सम्मत प्रबंधन और जवाबदेही आवश्यक है। प्रशासन का यह निर्णय एक सकारात्मक पहल है जिसे हम सभी को समर्थन देना चाहिए। ऐसी खबरें लोगों में प्रशासनिक प्रक्रियाओं के प्रति विश्वास पैदा करती हैं। इस विषय पर अपनी राय साझा करें, लेख को रेट करें और अपने परिचितों के साथ शेयर करें ताकि सभी जागरूक हो सकें।