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बानो प्रखंड में ग्राम सभा की बैठक में सामुदायिक वन अधिकारों का भौतिक सत्यापन

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#सिमडेगा #ग्राम_सभा : बानो प्रखंड के जरपोंडा गांव में वन अधिकार अधिनियम के तहत सामुदायिक वन अधिकार दावा पत्रों का भौतिक सत्यापन आयोजित
  • ग्राम सभा अध्यक्ष हरिश्चंद्र सिंह की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया।
  • बैठक में वन अधिकार अधिनियम 2006 और संशोधित नियम 2012 के तहत सामुदायिक वन अधिकार दावा पत्रों का सत्यापन किया गया।
  • फिया फाउंडेशन के पीआईपी विमल केरकेट्टा और ISB हैदराबाद के फील्ड असिस्टेंट चंद्रकांता कुमारी उपस्थित रही।
  • ISB ने सोना बुरु जंगल उत्पादक कंपनी के गठन में मदद की, जो महिलाओं के नेतृत्व वाला उद्यम है।
  • बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारी शैलेश डुंगडुंग, पड़ोसी गांवों के लोग और जरपोंडा ग्रामीण शामिल थे।

बानो प्रखंड के जरपोंडा गांव में आयोजित ग्राम सभा की बैठक में सामुदायिक वन अधिकारों की समीक्षा और भौतिक सत्यापन का कार्य किया गया। बैठक का नेतृत्व ग्राम सभा अध्यक्ष हरिश्चंद्र सिंह ने किया। बैठक में फ़िया फाउंडेशन के पीआईपी विमल केरकेट्टा और इंडियन स्कूल ऑफ़ बिजनेस (ISB), हैदराबाद की चंद्रकांता कुमारी ने भी भाग लिया। ISB की टीम ग्राम सभा को वन अधिकार अधिनियम और वन अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने में सहायता कर रही है।

सामुदायिक वन अधिकारों का सत्यापन

बैठक के दौरान उपस्थित लोगों ने सामुदायिक वन अधिकार दावा पत्रों का भौतिक सत्यापन किया। यह प्रक्रिया वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं संशोधित नियम 2012 के अंतर्गत की गई। ग्रामीणों ने अपने वन अधिकारों को औपचारिक रूप देने के लिए दावा पत्र प्रस्तुत किए और सभी दस्तावेजों का निरीक्षण किया गया।

महिलाओं के नेतृत्व वाले वन उद्यम का समर्थन

ISB की चंद्रकांता कुमारी ने बताया कि ISB ने सोना बुरु जंगल उत्पादक कंपनी के गठन में मदद की है। यह महिलाओं के नेतृत्व वाला उद्यम है जो साल और करंज के बीज जैसे वन उत्पादों का विपणन करता है। इस कंपनी से होने वाले मुनाफे को CFRMC (Community Forest Rights Management Committee) को उनके वन प्रबंधन गतिविधियों के लिए रॉयल्टी के रूप में वितरित किया जाता है। इस पहल से न केवल महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण मिलता है, बल्कि ग्रामों में वन संरक्षण गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलता है।

बैठक में अन्य उपस्थित लोग

बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारी शैलेश डुंगडुंग, पड़ोसी गांवों के लोग और जरपोंडा ग्रामीण भी शामिल थे। उन्होंने वन अधिकारों के प्रबंधन और कार्यान्वयन के बारे में सुझाव दिए और भविष्य में सामुदायिक वन संरक्षण के लिए अपने सहयोग का आश्वासन दिया।

न्यूज़ देखो: बानो में सामुदायिक वन अधिकारों का सफल सत्यापन और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यम का उदाहरण

यह बैठक स्थानीय वन संरक्षण और वन अधिकारों के औपचारिकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यम से ग्रामीण समुदायों में आर्थिक सशक्तिकरण और पारिस्थितिकी संरक्षण को बढ़ावा मिलता है। प्रशासन और एनजीओ की संयुक्त पहल से समुदाय के अधिकार सुरक्षित रहते हैं और सतत विकास सुनिश्चित होता है।

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वन संरक्षण और सामुदायिक सशक्तिकरण का संदेश

स्थानीय समुदायों को चाहिए कि वे वन अधिकारों के अपने अधिकारों को समझें और सामूहिक रूप से अपने वन संसाधनों के संरक्षण में भाग लें। महिलाओं और युवाओं की भागीदारी से समुदाय सशक्त बनता है। इस खबर को अपने साथियों और ग्रामवासियों के साथ साझा करें ताकि जागरूकता बढ़े और सामुदायिक वन संरक्षण में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो।

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