
#गिरिडीह #स्वच्छता_अभियान : पेशम पंचायत में सामुदायिक शौचालयों को पिंक रंग से सुंदर बनाकर लोगों को जागरूक करने की नई शुरुआत
- पेशम पंचायत में सामुदायिक शौचालयों का पिंक रंग से सौंदर्यीकरण।
- मुखिया रागिनी सिन्हा की पहल पर स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने की मुहिम।
- शौचालयों के उपयोग को लेकर ग्रामीणों से की गई अपील।
- पिंक टॉयलेट मॉडल को ग्रामीणों ने सराहा, बढ़ी जागरूकता।
- पंचायत स्तर पर स्वच्छता को बढ़ावा देने का बेहतर कदम माना गया।
बिरनी प्रखंड के पेशम पंचायत में स्वच्छता अभियान को नई दिशा देने के लिए स्थानीय मुखिया रागिनी सिन्हा ने अनोखी पहल की है। पंचायत के विभिन्न सामुदायिक शौचालयों को पिंक रंग से आकर्षक तरीके से पेंट किया जा रहा है, ताकि लोग न केवल शौचालय की स्वच्छता को समझें, बल्कि उसके उपयोग के प्रति भी जागरूक हों।
इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता को बढ़ावा देना, शौचालय के प्रति लोगों का नजरिया बदलना और सामुदायिक स्थानों को अधिक साफ-सुथरा बनाना है। ग्रामीणों का कहना है कि पिंक टॉयलेट का यह रूप अब अधिक ध्यान आकर्षित कर रहा है।
पिंक टॉयलेट: स्वच्छता और जागरूकता का नया संदेश
मुखिया रागिनी सिन्हा ने बताया कि पिंक रंग महिलाओं की गरिमा और स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है। सामुदायिक शौचालयों को पिंक थीम देने से लोग स्वच्छता के महत्व को बेहतर समझ पाएंगे।
उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि “हर व्यक्ति अपने शौचालय का नियमित उपयोग करें, साफ रखें और आसपास के माहौल को स्वच्छ बनाए रखें। स्वच्छता से ही स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों संभव हैं।”
ग्रामीणों के मुताबिक, पंचायत में पिंक टॉयलेट मॉडल लागू होने के बाद पहले से अधिक लोग शौचालयों का उपयोग कर रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों की संयुक्त भागीदारी इस योजना को सफल बना रही है।
ग्रामीणों ने की पहल की सराहना
स्थानीय ग्रामीणों ने मुखिया रागिनी सिन्हा को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह कदम स्वच्छता के प्रति लोगों की सोच बदलने में काफी प्रभावी साबित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पंचायत द्वारा शौचालयों के सौंदर्यीकरण से अब लोग वहाँ जाने में झिझक महसूस नहीं करते। स्वच्छता को लेकर गांव में सकारात्मक माहौल बन रहा है।
न्यूज़ देखो: ग्रामीण स्वच्छता में स्थानीय नेतृत्व की बड़ी भूमिका
गांव स्तर पर स्वच्छता अभियान तभी सफल होता है जब स्थानीय नेतृत्व सक्रिय भूमिका निभाए। पेशम पंचायत का यह मॉडल अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा बन सकता है। स्वच्छता केवल सुविधा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और सम्मान से जुड़ा मुद्दा है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वच्छता अपनाएँ—गांव को बनाएं स्वच्छ और सुंदर
स्वच्छता अभियान तभी सफल होगा जब हर व्यक्ति इसमें अपनी भूमिका निभाएगा।
अपने शौचालय का उपयोग करें, सफाई रखें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
आप क्या सोचते हैं—क्या पिंक टॉयलेट मॉडल पूरे प्रखंड में लागू होना चाहिए?
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