
#सिमडेगा #आदिवासी_अस्मिता : क्रुस विजय दिवस पर रावेल लकड़ा ने दिया एकजुटता और संरक्षण का संदेश
- ठेठईटांगर प्रखंड के बागचट्टा पंचायत डेम्बूटोली टोंगरी में क्रुस विजय दिवस का भव्य आयोजन।
- मुख्य अतिथि रावेल लकड़ा ने आदिवासी भाषा, संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने पर जोर दिया।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम और हॉकी मैच ने बढ़ाया आयोजन का आकर्षण।
- आदिवासी एकता तोड़ने के भाजपा के प्रयासों के खिलाफ किया आगाह।
- सैकड़ों ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी से कार्यक्रम बना ऐतिहासिक।
सिमडेगा के कोलेबिरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ठेठईटांगर प्रखंड के डेम्बूटोली टोंगरी में शनिवार को क्रुस विजय दिवस हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और हॉकी खेल का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। कोलेबिरा विधायक नमन बिकशल कोंगाड़ी की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि सह कांग्रेस अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष रावेल लकड़ा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का संगम
क्रुस विजय दिवस की शुरुआत मिस्सा और अन्य धार्मिक गतिविधियों से हुई। इसका नेतृत्व फादर गिल्बर्ट बरला ने किया, जबकि सहयोगी के रूप में फादर तेजकुमार तिग्गा मौजूद रहे। मुख्य अतिथि का स्वागत पारंपरिक नाच-गान और फूलमालाओं से किया गया। इसके बाद सांस्कृतिक मंडलियों ने एक से बढ़कर एक मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं, जिन्हें देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
आदिवासी अस्मिता पर रावेल लकड़ा का संदेश
अपने संबोधन में रावेल लकड़ा ने आदिवासी समाज को भाषा, संस्कृति और परंपरा को बचाने और संरक्षित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा:
रावेल लकड़ा ने कहा: “आदिवासी अस्मिता को बचाने के लिए हमें अपनी भाषा, संस्कृति और परंपरा का पालन करना होगा और इसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाना होगा। भाजपा लगातार आदिवासियों की एकता तोड़ने की साजिश कर रही है। डिलिस्टिंग के नाम पर आदिवासियों को उनके अधिकारों से वंचित करने की कोशिश हो रही है। हमें सतर्क रहना है और अपनी एकता को मजबूत करना है।”
उन्होंने आगे कहा कि आदिवासियों की संख्या घटाकर उन्हें संविधान प्रदत्त पांचवी अनुसूची और पेशा कानून से मिलने वाले अधिकारों से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है।
खेलकूद और युवाओं की भूमिका
रावेल लकड़ा ने खेलकूद के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि खेल न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि जीवन में अनुशासन भी सिखाता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को नौकरी उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
कार्यक्रम में जुटी भारी भीड़
इस अवसर पर प्रचारक रंजीत एक्का, संदीप लकड़ा, मंडल अध्यक्ष जॉन लकड़ा, जिला परिषद सदस्य अजय एक्का, पंचायत अध्यक्ष बेनेदिक लकड़ा, प्रमुख बिपिन मिंज, पूर्व प्रमुख जेरोम मिंज, पंचायत अध्यक्ष सुनील जोजो, लोरेंग डुंगडुंग, अल्पसंख्यक सचिव जमीर खान, जिला उपाध्यक्ष जमीर हसन, तेजकुमार टोप्पो, बिमल बाड़ा, सोभित लकड़ा, कतरीना कुजुर, सोसन केरकेट्टा, तेलेस्फोर बा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।



न्यूज़ देखो: एकता और अस्मिता की नई पुकार
क्रुस विजय दिवस पर आदिवासी समाज का यह संदेश स्पष्ट है कि अस्मिता की रक्षा केवल सांस्कृतिक और भाषाई जड़ों से जुड़कर ही संभव है। भाजपा के डिलिस्टिंग जैसे कदमों से सावधान रहकर समाज को एकजुट होना होगा।
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संस्कृति को बचाना ही असली विजय
आज जरूरत है कि हम सब अपनी परंपराओं और संस्कृति को आगे बढ़ाएँ और नई पीढ़ी को इसके महत्व से अवगत कराएँ। आप भी इस खबर पर अपनी राय कमेंट करें और इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि एकता और अस्मिता की यह आवाज़ और बुलंद हो।