
#चतरा #पुलिसकार्रवाई : लावालौंग थाना क्षेत्र में पोक्सो कांड के वांछित आरोपी समेत दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी, एसडीपीओ नेतृत्व में छापामारी से मिली सफलता
- लावालौंग थाना कांड संख्या 72/20 के मुख्य आरोपी इनामुल अंसारी को पाँच साल बाद पुलिस ने दबोचा।
- आरोपी पर नाबालिग से बार–बार दुष्कर्म, गर्भपात कराने और अपहरण का गंभीर आरोप।
- एसडीपीओ शुभम खंडेलवाल के नेतृत्व में गठित टीम ने तकनीकी अनुसंधान के आधार पर कार्रवाई की।
- आरोपी इनामुल की पत्नी द्वारा पीड़िता के परिजनों पर झूठा केस दर्ज कराने की भी पुष्टि।
- कांड संख्या 77/2025 में नाबालिग को भगाने के आरोपी उमेश गंझु को भी 24 घंटे में गिरफ्तार किया गया।
- दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
लावालौंग थाना क्षेत्र में पुलिस ने शुक्रवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए पोक्सो एक्ट के गंभीर मामले में पिछले पाँच वर्षों से फरार चल रहे इनामुल अंसारी उर्फ मो. इनामुल हक को गिरफ्तार कर लिया। वर्ष 2020 में दर्ज कांड संख्या 72/20 में उस पर एक नाबालिग लड़की के साथ कई बार दुष्कर्म करने, गर्भपात कराने और अपहरण करने का आरोप था। पुलिस के अनुसार आरोपी घटना के बाद से लगातार फरार था और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए उसकी पत्नी ने उल्टे पीड़िता के परिवार पर अपहरण का झूठा मामला दर्ज करा दिया था। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए चतरा पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर SDPO सिमरिया के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी दल गठित किया गया, जिसने तकनीकी अनुसंधान और मजबूत गुप्त सूचना के आधार पर आरोपी को लावालौंग से गिरफ्तार किया। इसी दौरान नाबालिग को भगाने के मामले—कांड संख्या 77/2025—के आरोपी उमेश गंझु को भी पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर लावालौंग बाजार से पकड़ लिया और तत्क्षण न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पोक्सो कांड संख्या 72/20 की पृष्ठभूमि
लावालौंग थाना में 10 जुलाई 2020 को दर्ज कांड में आरोपी इनामुल अंसारी पर नाबालिग लड़की का अपहरण करने और उसके साथ बार-बार दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। प्राथमिकी में उसने पीड़िता को गर्भवती होने पर गर्भपात कराने के लिए मजबूर करने का भी उल्लेख किया था। मामला दर्ज होने के बाद आरोपी लगातार फरार रहा, जिससे पीड़िता और उसके परिवार को न्याय प्रक्रिया में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पुलिस ने कई बार लगातार प्रयास किए, परंतु आरोपी छिपता रहा। इस बार के विशेष अभियान में तकनीकी सर्विलांस और लोकल इनपुट की अहम भूमिका रही।
पुलिस की रणनीति और छापामारी अभियान
पुलिस अधीक्षक चतरा के निर्देश पर SDPO सिमरिया श्री शुभम खंडेलवाल ने एक विशेष टीम गठित की। टीम में लावालौंग थाना प्रभारी प्रशांत कुमार मिश्रा, सशस्त्र बल के जवान और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। सभी ने मिलकर इलाके में गुप्त निगरानी बढ़ाई, जिसके बाद आरोपी की गतिविधियों का पता लगाया गया।
श्री शुभम खंडेलवाल ने कहा: “हमारी प्राथमिकता पीड़िता को न्याय दिलाना और फरार आरोपियों को हर हाल में गिरफ्तार करना है।”
तकनीकी साक्ष्यों और खुफिया सूचनाओं से टीम आरोपी तक पहुँची और उसे बिना किसी प्रतिरोध के दबोच लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उसे विधिसम्मत प्रक्रिया के तहत न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
दूसरा मामला: कांड संख्या 77/2025 में त्वरित कार्रवाई
पुलिस ने लावालौंग थाना क्षेत्र के ही एक अन्य मामले—कांड संख्या 77/2025 (धारा 96 BNS)—में दर्ज शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए नाबालिग लड़की को भगाने के आरोपी उमेश गंझु (19 वर्ष) को सिर्फ 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को लावालौंग बाजार से पकड़ा गया, जहाँ वह पुलिस की नजर से बचने की कोशिश कर रहा था।
थाना प्रभारी प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा: “प्रत्येक मामले में त्वरित कार्रवाई हमारी प्राथमिकता है, ताकि अपराधियों में कानून का भय बने।”
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण
- इनामुल अंसारी उर्फ मो. इनामुल हक, उम्र 44 वर्ष, पिता मो. सेराज उर्फ सेराजुद्दीन उर्फ सेराज मियां, साक्ष/थाना लावालौंग, जिला चतरा
- उमेश गंझु, उम्र 19 वर्ष, पिता लालधारी गंझु, ग्राम पसागम, थाना लावालौंग, जिला चतरा
छापामारी दल में शामिल अधिकारी/कर्मी
- श्री शुभम खंडेलवाल, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सिमरिया
- प्रशांत कुमार मिश्रा, पु.अ.नि., सह–थाना प्रभारी, लावालौंग
- लावालौंग थाना सशस्त्र बल के पुलिसकर्मी
न्यूज़ देखो: चतरा पुलिस की दृढ़ता और संवेदनशीलता का उदाहरण
यह कार्रवाई बताती है कि पुलिस तंत्र जब गंभीर मामलों में प्राथमिकता के साथ काम करता है, तो वर्षों से फरार अपराधियों को भी कानून के कटघरे में लाया जा सकता है। नाबालिग पीड़िताओं से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई न केवल न्याय सुनिश्चित करती है, बल्कि समाज में सुरक्षा की भावना भी बढ़ाती है। चतरा पुलिस की यह कार्यशैली अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणादायी मॉडल प्रस्तुत करती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
न्याय की राह मजबूत होती है जब व्यवस्था जागरूक हो
नाबालिगों से जुड़े अपराधों पर त्वरित पुलिस कार्रवाई समाज में विश्वास को मजबूत करती है और अपराधियों को सख्त संदेश देती है। अब समय है कि हर नागरिक ऐसे मामलों में संवेदनशील बने, पीड़ितों को समर्थन दे और कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करे। आपकी जागरूकता किसी के जीवन को बदल सकती है। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और न्याय की आवाज़ को और मजबूत बनाएं।





