
#सिमडेगा #हत्या_उद्भेदन : टीटांगर थाना क्षेत्र में महिला की निर्मम हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने मृतिका के पति और उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर साजिश का पर्दाफाश किया
- टी०टांगर थाना क्षेत्र में दर्ज हत्या कांड का पुलिस ने किया सफल उद्भेदन।
- मृतिका की पहचान सुमति देवी (28 वर्ष), निवासी गोठाईटांगर, पाकरटांड के रूप में।
- मृतिका के पति संजय साहू (31 वर्ष) और उसके मित्र राजेश मांझी (28 वर्ष) गिरफ्तार।
- पति ने गोवा से फोन पर रची हत्या की साजिश, प्रेम प्रसंग को बनाया कारण।
- 10 दिसंबर को जामबहार डीपा में रस्सी से गला घोंटकर की गई हत्या।
- पुलिस ने मोबाइल, सिम कार्ड, रस्सी के जले अवशेष, स्कूटी सहित कई अहम साक्ष्य किए बरामद।
टीटांगर थाना क्षेत्र अंतर्गत महिला की हत्या के मामले में सिमडेगा पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया है। मृतिका के पति और उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर पुलिस ने न केवल हत्या की साजिश उजागर की, बल्कि तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से ठोस साक्ष्य भी एकत्र किए हैं। यह मामला पारिवारिक अविश्वास, प्रेम प्रसंग और आपराधिक साजिश का गंभीर उदाहरण बनकर सामने आया है।
कैसे दर्ज हुआ हत्या का मामला
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह मामला सावित्री देवी, पति स्व. रंजीत महतो, निवासी कोड़ाकेल, थाना मुरहू, जिला खूंटी के लिखित आवेदन पर दर्ज किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पुत्री सुमति देवी, पति संजय साहू, की हत्या कर दी गई है। आवेदन के आधार पर टीटांगर थाना में हत्या का कांड दर्ज कर पुलिस ने जांच प्रारंभ की।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर बनी विशेष जांच टीम
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक, सिमडेगा के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई की गई। हत्या के उद्भेदन के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया। इस टीम में तकनीकी शाखा के अनुभवी पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया, ताकि मोबाइल कॉल डिटेल, लोकेशन और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा सके।
तकनीकी साक्ष्यों से खुली साजिश की परतें
जांच के दौरान तकनीकी विश्लेषण से पुलिस को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले। मोबाइल कॉल डिटेल्स और लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर पुलिस को मृतिका के पति संजय साहू और राजेश मांझी की भूमिका संदिग्ध लगी। इसके बाद गठित टीम ने दबिश देकर दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछताछ की।
पूछताछ में सामने आया चौंकाने वाला सच
पूछताछ के दौरान अभियुक्त राजेश मांझी ने स्वीकार किया कि उसका मृतिका सुमति देवी के साथ पिछले तीन माह से प्रेम प्रसंग चल रहा था। राजेश और संजय साहू आपस में पुराने मित्र थे। अभियुक्त ने बताया कि संजय साहू, जो उस समय गोवा में रह रहा था, लगातार फोन के माध्यम से सुमति देवी के चरित्र को लेकर उसे भड़काता रहा और हत्या के लिए दबाव बनाता रहा।
पुलिस अधिकारियों ने बताया: “जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि संजय साहू ने गोवा में रहते हुए फोन के जरिए पूरी हत्या की योजना बनाई और राजेश मांझी को मानसिक रूप से उकसाया।”
घटना के दिन क्या हुआ
पुलिस के अनुसार, 10 दिसंबर को सुमति देवी अपने कार्यालय से निकलने के बाद जामबहार डीपा पहुंची, जहां उसकी मुलाकात राजेश मांझी से हुई। इसी दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि राजेश मांझी ने आवेश में आकर रस्सी से गला घोंटकर सुमति देवी की हत्या कर दी।
हत्या के तुरंत बाद उसने फोन पर इस घटना की जानकारी संजय साहू को दी, जिसने साक्ष्य मिटाने के निर्देश दिए।
साक्ष्य मिटाने की कोशिश भी आई सामने
हत्या के बाद दोनों अभियुक्तों ने अपराध को छुपाने के लिए कई प्रयास किए। पुलिस जांच में सामने आया कि मृतिका का मोबाइल फोन और रस्सी को जला दिया गया, जबकि सिम कार्ड को फेंक दिया गया, ताकि पुलिस को कोई डिजिटल सबूत न मिल सके। हालांकि तकनीकी जांच और स्थानीय सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने साजिश को बेनकाब कर दिया।
बरामदगी से मजबूत हुआ केस
अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने कई महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए, जिनमें शामिल हैं:
- मृतिका और अभियुक्तों के सिम कार्ड
- जले हुए मोबाइल फोन के टुकड़े
- दोनों अभियुक्तों के मोबाइल फोन
- घटनास्थल की मिट्टी
- मृतिका की स्कूटी (JH-20G-5932)
इन बरामद साक्ष्यों को विधिवत जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, जिससे केस और भी मजबूत हो गया है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई से लोगों में भरोसा
इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के बाद क्षेत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली की सराहना की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर की गई यह कार्रवाई अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है।
न्यूज़ देखो: तकनीक और तत्परता से न्याय की ओर एक मजबूत कदम
यह मामला दर्शाता है कि यदि पुलिस प्रशासन तत्परता और तकनीकी संसाधनों का सही उपयोग करे, तो जघन्य अपराधों का खुलासा संभव है। सिमडेगा पुलिस ने सीमित समय में हत्या की साजिश को उजागर कर यह साबित किया है कि कानून से कोई नहीं बच सकता। यह कार्रवाई न केवल पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद देती है, बल्कि समाज में भरोसा भी मजबूत करती है।
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अपराध के खिलाफ एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर किया है कि घरेलू विवाद, अविश्वास और हिंसा किस हद तक समाज को खोखला कर रहे हैं। समय रहते संवाद, जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी से ऐसे अपराधों को रोका जा सकता है।





