#लातेहार #पशुतस्करी : मुखिया की सूचना पर पुलिस ने मवेशी पकड़े आरोप-प्रत्यारोप तेज
- बरवाडीह थाना क्षेत्र में पुलिस ने 19 मवेशी जब्त किए।
- मुखिया बुद्धेश्वर सिंह की सूचना पर हुई बड़ी कार्रवाई।
- जब्त मवेशियों को स्वास्थ्य जांच के बाद हुसैन अंसारी को सुपुर्द किया गया।
- साजिद अंसारी समेत चार लोगों ने मुखिया पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया।
- बुद्धेश्वर सिंह बोले, “तस्करों की साजिश से बदनाम किया जा रहा है।”
लातेहार पुलिस ने गुरुवार की शाम बरवाडीह थाना क्षेत्र में पशु तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। पोखरी कर्बला के पास से 19 मवेशियों को पकड़ा गया। यह सफलता पुलिस को केचकी के मुखिया बुद्धेश्वर सिंह द्वारा दी गई सूचना के आधार पर मिली।
मुखिया की सूचना पर हुई कार्रवाई
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अनूप कुमार के नेतृत्व में पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मवेशियों को तस्करों के कब्जे से मुक्त कराया। पकड़े गए सभी मवेशियों की स्वास्थ्य जांच कराई गई और उन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पोखरीकला निवासी हुसैन अंसारी को सुपुर्दनामा पर सौंप दिया गया। इस दौरान पोखरी पंचायत के उप मुखिया सुल्तान अहमद और पूर्व जिप सदस्य अब्दुल मन्नान अंसारी भी मौजूद रहे।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
इस कार्रवाई के बाद मामला राजनीतिक और सामाजिक रंग लेने लगा है। पशु कारोबारी चांदो (पलामू) के साजिद अंसारी और तीन अन्य लोगों ने मुखिया बुद्धेश्वर सिंह पर 20 हजार रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि पैसे नहीं देने पर मुखिया ने पुलिस से पकड़वाने की धमकी दी थी।
दूसरी ओर, मुखिया बुद्धेश्वर सिंह ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे और पशु तस्करों की जानकारी पुलिस को देना उनका कर्तव्य है। बुद्धेश्वर का आरोप है कि तस्कर उन्हें बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई न हो।
प्रशासन और जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस कार्रवाई से तस्करों पर अंकुश लगेगा। वहीं, पुलिस प्रशासन का कहना है कि ऐसी सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी और किसी भी दबाव या आरोप से प्रभावित हुए बिना कानून अपना काम करेगा।
न्यूज़ देखो: तस्करी के खिलाफ कठोर कदम की जरूरत
लातेहार में हुई यह कार्रवाई दिखाती है कि सूचना और तत्परता से अपराध पर लगाम लगाई जा सकती है। लेकिन आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में प्रशासन की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वह निष्पक्ष जांच करे और सच सामने लाए।
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तस्करी-मुक्त समाज की ओर
पशु तस्करी न सिर्फ कानून तोड़ती है बल्कि सामाजिक सौहार्द्र को भी प्रभावित करती है। अब वक्त है कि समाज और प्रशासन मिलकर ऐसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करें।
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