#गढ़वा #अवैधखाद : गुप्त सूचना पर पुलिस ने सोनेहारा गांव से 45 बोरा यूरिया खाद बरामद किया—चालक मौके से भाग निकला
- सोनेहारा गांव में अवैध खाद ढुलाई उजागर।
- पिकअप वाहन BR11GE-3891 जब्त।
- वाहन से 45 बोरा HURL यूरिया खाद बरामद।
- वाहन चालक पुलिस को देखकर फरार।
- बीडीओ रमेश सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई।
- उपायुक्त दिनेश यादव के निर्देश पर कार्रवाई।
गढ़वा जिला प्रशासन की कड़ी निगरानी के बीच डंडई प्रखंड के सोनेहारा गांव में पुलिस ने गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से ढोए जा रहे 45 बोरा यूरिया खाद बरामद किए। वाहन चालक पुलिस को देखकर भाग गया और वाहन को मौके पर ही छोड़ दिया। वाहन को जब्त कर थाना लाया गया और प्रखंड कृषि पदाधिकारी रमेश सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई। यह पूरी कार्रवाई उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी दिनेश यादव के निर्देश के आलोक में की गई, जिसमें अवैध बिक्री व कालाबाजारी रोकने की पहल स्पष्ट झलकती है।
गुप्त सूचना से शुरू हुई कार्रवाई
शनिवार की सुबह पुलिस गश्ती दल को गुप्त सूचना मिली कि सोनेहारा गांव के रास्ते से एक वाहन में अवैध खाद ढोया जा रहा है। सूचना के आधार पर टीम ने त्वरित कार्रवाई की। पिकअप वाहन BR11GE-3891 को रोककर थाना परिसर लाया गया। जांच में सामने आया कि उसमें 45 बोरा HURL कंपनी का यूरिया खाद भरा हुआ था।
गश्ती पदाधिकारी ने बताया: “वाहन चालक पुलिस को देखते ही तेजी से भाग गया और वाहन को वहीं छोड़कर फरार हो गया। खाद से संबंधित कोई वैध कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया।”
वाहन को जब्त कर थाना परिसर में रखा गया है। अब खाद की गहन जांच की जा रही है, ताकि इसकी आपूर्ति श्रृंखला और अवैध नेटवर्क का खुलासा हो सके।
प्राथमिकी दर्ज और प्रशासनिक पहल
इस कार्रवाई के बाद प्रखंड कृषि पदाधिकारी डंडई रमेश सिंह ने संबंधित वाहन और जब्त खाद के खिलाफ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। मामला फिलहाल जांच के अधीन है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी दिनेश यादव ने पहले ही स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि जिले में खाद की कालाबाजारी और अवैध भंडारण पर सख्त अंकुश लगाया जाए। इस कार्रवाई को उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
किसानों के हित में उठाया गया कदम
यूरिया खाद की कालाबाजारी और अवैध भंडारण अक्सर किसानों को समय पर खाद से वंचित कर देता है। इससे उनकी फसल उत्पादन पर असर पड़ता है और लागत बढ़ जाती है। गढ़वा जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि सरकार किसानों के हितों के प्रति गंभीर है और उनकी जरूरतों की अनदेखी करने वाले किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
किसानों के बीच प्रशासन की इस सक्रियता को सकारात्मक माना जा रहा है। वे मानते हैं कि यदि इस तरह की कार्रवाई लगातार होती रहे तो खाद की किल्लत और बढ़ती कालाबाजारी पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
दोषियों की तलाश और आगामी कार्रवाई
फिलहाल प्रशासन दोषियों की तलाश में जुटा है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि खाद कहां से लाया गया और किसे बेचा जाना था। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि क्या इसमें किसी बड़े नेटवर्क की भूमिका है। प्रशासन ने आम लोगों से भी अपील की है कि यदि कहीं अवैध रूप से खाद की बिक्री होती दिखे तो तुरंत सूचना दें।
न्यूज़ देखो: खाद की कालाबाजारी पर जिला प्रशासन का बड़ा वार
गढ़वा प्रशासन की यह कार्रवाई दर्शाती है कि कालाबाजारी को रोकना केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं बल्कि किसानों की वास्तविक जरूरत है। दोषियों को पकड़कर सख्त सजा देना ही किसानों के हितों की रक्षा का ठोस उपाय है। ऐसी कार्रवाई से न केवल खाद की उपलब्धता बढ़ेगी बल्कि बाजार में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।
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किसानों के हक की रक्षा के लिए जागरूक बनें
यह मामला हमें याद दिलाता है कि खाद जैसे आवश्यक संसाधनों की कालाबाजारी सीधे-सीधे किसानों के भविष्य से जुड़ी है। अब समय है कि हम सब मिलकर प्रशासन की मदद करें और ऐसे अवैध कार्यों की सूचना समय रहते साझा करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को गांव-गांव तक पहुंचाएं और जागरूकता फैलाने में अपना योगदान दें।